भोंपूराम खबरी। मानसून के पहली बरसात में ही पहाड़ से लेकर मैदान तक नदियों में पानी और भूस्खलन देखने को मिल रहा है । भारी बरसात और भूस्खलन के चलते अगले 48 घंटे और ज्यादा संवेदनशील बताये जा रहे हैं। पहली बरसात में सबसे ज्यादा मुसीबत पहाड़ी क्षेत्रों को उठाना पड़ रहा है । नैनीताल में 2 दिनों से हो रही बरसात के बाद प्रशासन अब अलर्ट पर है। नैनीताल में कई जगह पर भूस्खलन के बाद खतरे को भांप प्रशासन ने ठंडी सड़क पर आवाजाही प्रतिबंधित कर दिया है। बुधवार दोपहर पाषाण देवी मंदिर के समीप ठंडी सड़क की पहाड़ी से बड़ा बोल्डर सड़क पर आ गिरा। इससे राहगीरों में दहशत पैदा हो गई। पहाड़ी में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने ठंडी सड़क को अग्रिम आदेशों तक पैदल आवाजाही के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
पिछले साल बरसात में इस पहाड़ी में जबरदस्त भूस्खलन हुआ था जिसके चलते डीएसबी परिसर का छात्रावास खतरे की जद में आ गया था। बरसात खत्म होने के बाद जिला प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर पहाड़ी का अस्थाई ट्रीटमेंट किया लेकिन वह भी बाद में हुई बारिश की भेंट चढ़ गया। तब लगभग छह माह तक ठंडी सड़क में पैदल आवाजाही पूरी तरह से बंद रही थी। बुधवार को इस क्षतिग्रस्त पहाड़ी में फिर से भूस्खलन हुआ और एक बोल्डर सड़क तक आ पहुंचा। बोल्डर के गिरने से पहाड़ी के निचले हिस्से में लगाई गई सुरक्षा जाली भी क्षतिग्रस्त हो गई।