भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड में लंबे समय से ग्रेड पे मामले को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार से गुहार भी लगाई थी। जिसके बाद सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाकर उनकी मांगे पूरी करने का वादा भी किया था, लेकिन सरकार ने उनकी मांगे पूरी न करने के बजाएं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे परिजनों के तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। पुलिस ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पुलिस प्रशासन ने तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है , अधिकारियों का कहना है कि बार-बार समझाने के बाद भी पुलिसकर्मियों के परिजन किसी भी बात को समझने के लिए तैयार नहीं है । पुलिस कर्मियों के परिजनों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली की धारा 5(2) और 24(क) का उल्लंघन है । निलंबित किए गए पुलिसकर्मी कुलदीप भंडारी जो उत्तरकाशी में तैनात हैं उनकी पत्नी आशा भंडारी पुलिस मुख्यालय में तैनात दिनेश चंद की पत्नी उर्मिला चंद और चमोली में कार्यरत हरेंद्र रावत की मां शकुंतला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी जिसमें उन्होंने 4600 ग्रेड पे देने की मांग की और ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे नहीं मिल रहा था। इसको लेकर कई चरणों में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने अफसरों और सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की थी, लेकिन इसका कोई हल नहीं निकल पाया। दरअसल लंबे समय के बाद रविवार को कुछ पुलिसकर्मियों के परिजनों ने प्रेस क्लब के पास एक रेस्टोरेंट में इकट्ठा होकर उन्होंने प्रेस वार्ता की। जिसके बाद उन्होंने सरकार पर वादा खिलाफी का इल्जाम लगाया और आंदोलन की चेतावनी भी दी थी।सोमवार को भी परिजनों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर आंदोलन करने के लिए पहुंचे थे, लेकिन बाद में डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें भारोसा दिलाकर वापस भेज दिया।
वहीं सोमवार को डीजीपी अशोक कुमार के निर्देश पर खुफिया एजेंसी तंत्र अलर्ट हो गया, और उन्होंने सिपाहियों के बारे में पता किया। जिसमें पता चला कि चमोली पुलिस लाइन में तैनात सिपाही दिनेश चंद, एससीआरबी देहरादून में तैनात सिपाही हरेंद्र सिंह और एसडीआरएफ उत्तरकाशी में तैनात कुलदीप भंडारी को सस्पेंड कर दिया गया है।