नाबालिक वाहन चालकों की धरपकड़ अभियान से मचा हड़कंप

भोंपूराम खबरी। गदरपुर। दोपहिया वाहनों से स्कूलों में शिक्षा ग्रहण करने आ रहे नाबालिक वाहन चालकों की लगातार शिकायत मिलने पर पुलिस ने नाबालिक स्कूली छात्रों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाते हुए करीब 2 दर्जन से अधिक नाबालिक छात्रों के वाहनों की चाबियां जप्त कर ली। पुलिस का कहना था कि छात्रों के अभिभावको को बुलाकर भविष्य में दोपहिया वाहन न देने की चेतावनी देते हुए छोड़ दिया जायेगा।

गूलरभोज रोड पर स्थित निजी विद्यालयों के बाहर उस समय हड़कंप मच गया जब पुलिस प्रशासन ने स्कूल की छुट्टी के बाद नाबालिक वाहन चालकों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चलाते हुए करीब दो दर्जन नाबालिक छात्रों की बाइकों की चाबीयों को जप्त कर लिया। प्रभारी निरीक्षक विजेंद्र शाह का कहना है कि पुलिस को आये दिन शिकायत मिल रही थी कि नाबालिक बच्चे जिनकी उम्र 18 वर्ष से कम है वह यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बिना सुरक्षा उपकरणों के बाइक को लेकर स्कूल में आ रहे है इतना ही नहीं बल्कि स्कूल से छुट्टी के बाद अन्य बाइक सवार अपने सहपाठी को नीचा दिखाने के उद्देश्य से बाइकों को तीव्र गति से दौड़ाते हैं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ओर बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए सोमवार को जब दोहपर में स्कूल की छुट्टी हुई तो एसआई गौरव जोशी की अगुवाई में कांस्टेबल इमरान अंसारी,मोहन बोरा, रोबिन रावत और दीपक शर्मा ने पुलिस टीम के साथ गूलरभोज रोड पर स्थित एक निजी पब्लिक स्कूल के पास चैकिंग अभियान चलाया। जिससे दुपहिया वाहन चालक स्कूली बच्चों में हड़कम्प मच गया। कुछ छात्र तो अपनी बाइको को छोड़कर भाग गये लेकिन बाइक की चाबियां पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली। एसआई गौरव जोशी का कहना था कि बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह अभियान चलाया गया है जबकि नाबालिको के द्वारा वाहन चलाना गैरकानूनी हैं। उन्होंने कहा कि यदि यातायात नियमों की बात करें तो वाहन चलाने के लिए एक उम्र निर्धारित है यदि कम उम्र का कोई भी स्कूली बच्चा या अन्य पकड़ा जायेगा तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। पुलिस के इस अभियान से जहां एक ओर स्कूली बच्चों में अफरा तफरी का माहौल था तो वहीं बच्चों द्वारा अपने-अपने अभिभावकों को सूचना देने पर उनमें भी हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे कुछ अभिभावकों को पुलिस ने चेतावनी देते हुए गाड़ियों की चाबियां लौटा दी जबकि कुछ को थाने लाकर चालान की कार्रवाई किए जाने के बाद लौटने की बात कही। स्कूली बच्चे अपने वाहन को स्कूल के बाहर खड़ा कर देते है क्योंकि विद्यालय प्रबंधको ने भी स्कूल में बाइक लाने पर पावंदी लगा रखी है।

 

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