रुद्रपुर।शहर के मुख्य बाजार में आप जाएँ और सड़क गन्दगी से बजबजा रही हो या फिर आपको गंदे पानी से होकर गुजरना पड़े तो अचरज मत कीजियेगा। दरअसल, नगर निगम ने शहर के मुख्य बाजार में बने एकमात्र सरकारी नाले की बाटा चौक के आगे जलनिकासी को कोई व्यवस्था ही नहीं कर रखी है। आलम यह है कि ज़रा सी बरसात की दशा में यह नाला बाटा चौक पर बंद होने के कारण इसमें व्याप्त सारी गन्दगी ओवरफ्लो होकर सड़क पर और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के समक्ष बहने लगती है।
यूं तो नगर निगम की कारगुजारियां गाहे-बगाहे सामने आती ही रहती थी। इस बार निगम की काहिली के शिकार मुख्य बाजार के निवासी बने हैं। पूर्व में आपके अपने समाचार-पत्र “अमृत विचार” ने शहर में नए ट्रेन्चिंग ग्राउंड को शुरू न किये जाने का मामला उठाया था। जिसके बाद वहां कार्य ने गति पकड़ी है। लगभग ऐसे ही हालात मुख्य बाजार के हैं जहाँ लोग जलनिकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। यहाँ के निवासियों का कहना है कि जब बाजार से अतिक्रमण हटाया गया तो यहाँ करोड़ों रुपये के खर्च से सड़कें व इंटरलॉक टाइल्स रोड भी बनायी गयी। हर प्रतिष्ठान के समक्ष गहरी नाली खोदकर जलनिकासी के दावे किये गए। मगर नालियाँ बनाने के बाद भी यह व्यवस्था नहीं की गयी जिससे अंततः यह सीवर, बारिश अथवा अन्य पानी बाटा चौक के बाद शहर से बाहर किया जा सके। कोई निकासी न होने से यही गन्दा पानी बहकर मुख्य बाजार में वापिस आ जाता है।
नौ करोड़ खर्च सड़कें तो बनी पर नाले का काम अधूरा
बाजार क्षेत्र से पार्षद प्रतिनिधि संदीप अनेजा सोनू का कहना था कि हाई कोर्ट के अतिक्रमण हटाने के आदेश के अनुपालन के बाद निगम ने लगभग नौ करोड़ रुपये खर्च कर सड़कें व नालियाँ बनवाई। मगर उन्हें हैरानी इस बात की है कि जलनिकासी के एकमात्र नाले को आखिर क्यों नैनीताल हाईवे के समीप पहुंचते ही रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि जब तक बाटा चौक के आगे नाला निर्माण नहीं होगा तब तक जनता इस समस्या से जूझती रहेगी और आने वाले बरसात के मौसम में समस्या विकराल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वह निगम की बैठक में यह मुद्दा कई बार उठा चुके हैं मगर नतीजा सिफर है।