भोंपूराम खबरी। राज्य सरकार ने धान खरीद नीति जारी कर दी है। खरीद को पूरी तरह ऑनलाइन करते हुए 299 तोल केंद्र बनाकर कालाबाजारी रोकने के जबर्दस्त दावे किये हैं। जिस पर पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व प्रवक्ता उत्तराखंड कांग्रेस डॉ० गणेश उपाध्याय ने कहा कि इस बार धान खरीद का लक्ष्य 9 लाख मीट्रिक टन रखा है जिसमें कमीशन एजेंटों से 6 लाख मीट्रिक टन धान तोल की अनुमति देना गलत है, किसान और कमीशन एजेंटों को बराबर धान तोल की अनुमति होनी चाहिए। किसानों के धान का सत्यापन मौके पर जाकर पटवारियों द्वारा कराया जाना चाहिए। खतौनियों के आधार पर खड़ी गन्ने की फसल को धान की फसल दिखाकर सत्यापन करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का प्रावधान होना चाहिए। धान समर्थन मूल्य में 100 रुपये का इजाफा नाकाफी है। डीजल, पेट्रोल की रेट बढ़ने की वजह से किसानों की लागत बहुत अधिक बढ़ने की वजह से पहले से ही परेशान है । आमदनी आधी से कम हो चुकी है इसलिए यह 300 रु० न्यूनतम किया जाना चाहिए था। डा० उपाध्याय ने इस मामले में उत्तराखंड सहकारिता सचिव श्री बीबीआरसी पुरुषोत्तम से बात की और कहा कि प्रदेश में भारतीय खाद्य रसद विभाग द्वारा अधिक से अधिक तौल केंद्र खुलने चाहिए। जिससे किसानों को हो रही परेशानी से छुटकारा मिल सके। जिलाधिकारी श्री युगल पंत उधम सिंह नगर से वार्ता करते हुए कहा कि उड़नदस्ता दल बने व बारदाना के नाम पर किसानों को परेशान न किया जा सके किसानों के धान को नमी के नाम पर नही तौलकर विभाग हर बार किसानों का उत्पीड़न करता है, यह बन्द होना चाहिए। किसान का धान 24 घंटे के भीतर क्रय केंद्र पर तोला जाना चाहिए। किसानों के हित के लिए मैंने ही किसानों की फसल के भुगतान में हो रही देरी को देखते हुए जनहित याचिका दायर की थी जिसमें हाईकोर्ट की डबल बेंच की खंडपीठ ने निर्णय दिया था, कि 24 घंटे से लेकर 1 हफ्ते के अंदर किसानों का धान व गेहूं का भुगतान करें। इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए। इसलिए विगत वर्षों मे तोलने मे होने वाली दिक्कतों को ध्यान मे रखते हुए आने वाले वक्त में किसी भी किसान को परेशानी का सामना ना करना पड़े।