भोंपूराम ख़बरी,रूद्रपुर। 1 मार्च को पूरे देश मे महाशिवरात्रि धूम धाम से मनाई जाने वाली है। आध्यात्मिक रूप के साथ बहुत मान्यता है साथ ही ज्योतिषाचार्य मंजू जोशी इसका वैज्ञानिक दृष्टिकोण भी बता रही है।महाशिवरात्रि का पर्व विशेष महत्वपूर्ण है इस रात्रि ग्रह का उत्तरी गोलार्ध इस प्रकार अवस्थित होता है कि मनुष्य के भीतर की उर्जा प्राकृतिक रूप से ऊपर की ओर जाने लगती है यानी प्रकृति स्वयं मनुष्य को उसके आध्यात्मिक शिखर तक जाने में मदद कर रही होती है। धार्मिक रूप से बात करें तो प्रकृति उस रात मनुष्य को परमात्मा से जोड़ती है इसका पूरा लाभ मनुष्य को मिल सके इसलिए महाशिवरात्रि की रात में जागरण करने व रीढ़ की हड्डी सीधी करके ध्यान मुद्रा में बैठने की बात कही गई है।