रूद्रपुर। उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग द्वारा कलक्ट्रेट सभागार में जन-सुनवाई अदालत का आयोजन किया गया। जन-सुनवाई अदालत में आयोग द्वारा राजस्व, शिक्षा, पुलिस विभाग आदि विभागों से सम्बंधित 48 शिकायती प्रकरणों पर सुनवाई करते हुये 12 शिकायती प्रकरण का मौके पर ही निस्तारण किया गया व अन्य प्रकरणों पर उच्चस्तरीय समितियों का गठन कर कार्यवाही के निर्देश दिए गए। आयोग के अध्यक्ष (मंत्री स्तर) डॉ. आरके जैन ने कहा कि अल्पसंख्यकों के साथ विभेद अथवा उत्पीड़न करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। जन-सुनवाई की अध्यक्षता करते हुए आयोग के अध्यक्ष डॉ. जैन ने शिकायती प्रकरणों की जाँच में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयोग की पहली प्राथमिकता है कि कम से कम समय में लोगों को न्याय प्रदान करना है। उन्होने कहा कि मेरे दो वर्ष के कार्यकाल में आज पहली बार कुमांऊ मण्डल के वादों का निस्तारण हेतु इस जनपद में अदालत का आयोजन किया गया है। इसके अलावा जन-सुनवाई के उपरांत अल्पसंख्यक विभाग की समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये। उन्होने अल्पसंख्यक विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति के बारे में जानकारी लेते हुये कहा योजनाओं का लाभ प्रत्येक पात्र व्यक्ति को समय पर उपलब्ध कराया जाये। इस अवसर पर आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब, सरदार इकबाल सिंह, सदस्य पीवी थॉमस, अब्दुल हाफिज, आयोग के सचिव जे०एस० रावत, निजी सचिव नवीन परमार, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चैहान, एएसपी देवेन्द्र पिंचा, ओसी नरेश चन्द्र दुर्गापाल, एनएस नबियाल, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी यशवंत सिंह, सहित कुमांऊ मण्डल के जनपद अल्मोडा, उधमसिंह नगर, नैनीताल, चम्पावत के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
अनुपस्थित अधिकारियों के वेतन रोकने के निर्देश
रूद्रपुर। जन-सुनवाई में अधिकारियों की अनुपस्थिति पर आयोग के अध्यक्ष ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए लापरवाह अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होने विभिन्न प्रकरणों पर आयोग द्वारा बुलाये जाने के बाद भी उपस्थित न होने पर अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कुमायूं, खंड शिक्षा अधिकारी ओखलकांडा का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए। वही शिकायती प्रकरण के निस्तारण में सहयोग न किये जाने एवं जन-सुनवाई में उपस्थित न होने पर अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद खटीमा का वेतन रोकने व निदेशक समाज कल्याण की अनुपस्थिति पर उनका वेतन रोकने के साथ ही उन्हें तीन दिवस के भीतर आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।