पहले कोरोना फिर बाढ़ और अब नगर निगम ने व्यापारियों के अरमानों पर चलाई जेसीबी

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। दीपावली के त्योहार से पूर्व ही जिला प्रशासन ने शहर के छोटे व्यपारियों का दिवाला निकाल दिया। रोडवेज के समीप छोटी दुकान चलाकर गुजर बसर करने वाले छोटे व्यपारियों पर प्रशासन का पीला पंजा चला। अतिक्रमण की जद में आए दुकानदारों को हटाने के लिए नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम रोडवेज के पास पहुंची। जहां टीम ने किच्छा बाईपास मार्ग स्थित रोडवेज के समीप पर सटी दुकानों को हटाना शुरू कर दिया। प्रशासन की टीम दो दुकान ही तोड़ पाई थी, जब तक व्यापारियों ने विरोध करना शुरू कर दिया। विरोध के बीच मौके पर शहर विधायक व भाजपा जिलाध्यक्ष भी पहुंच गए। काफी जदोजहद के बाद दिवाली के बाद अतिक्रमण हटाये जाने पर सहमति बनी और टीम को वापस बैरंग लौटना पड़ा। इस दौरान करीब दो घंटे तक वहां हंगामा होता रहा।

जिला एवं नगर निगम प्रशासन की टीम रोडवेज स्टेशन के पास पहुंची और किच्छा बायपास रोड की दुकानों को खाली करने के आदेश दिये। जिससे वहां दुकानदारों में हड़कंप मच गया। उन्होंने अपनी दुकानों से सामान बाहर रखना शुरू कर दिया। उसके बाद प्रशासन की टीम ने दुकानों पर जेसीबी मशीन से अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया। जिसको लेकर वहां जोरदार हंगामा हो गया।

मुख्य नगर अधिकारी विशाल मिश्रा और एसडीएम प्रत्यूष सिंह ने बताया कि रोडवेज स्टेशन का विस्तारीकरण होना है, ऐसे में किच्छा बाईपास रोड स्थित रोडवेज स्टेशन के साथ लगभग 50-60 दुकाने अतिक्रमण कर बनाई गई हैं, जिन्हें हटाए जाने को लेकर तीन बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन नोटिस देने के बावजूद भी कब्जेदारों ने दुकाने नहीं हटाई। जिसको लेकर आज प्रशासन ने दुकानें हटाने की अपनी कार्यवाही करना शुरू कर दिया और अतिक्रमण की जद में आ रही दुकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया, अभी दो ही दुकानें ध्वस्त की गई थी। तब तक आवास विकास के पार्षद रमेश कालड़ा वहां पहुंच गए और उनकी अधिकारियों से तीखी नोकझोंक हो गई। जिसको लेकर वहां हड़कंप मच गया और दुकानदारों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जिससे वहां तनावपूर्ण महौल हो गया। वही दोनो जन प्रतिनिधियों विधायक ठुकराल व जिलाध्यक्ष अरोरा ने कहा कि कुछ ही दिन में दीपावली का त्यौहार है। कोरोना में कारोबार की कमर टूट चुकी है। ऐसे में दुकानों को त्यौहार तक का समय दिया जाना चाहिए। उसके बाद वह आला अधिकारियों से वार्ता कर इस मामले का अन्य कोई समाधान निकलने का प्रयास करेगे। उनका प्रयास रहेगा यहां के दुकानदारों को अन्यत्रा स्थापित किया जाए। जिस पर अतिक्रमण हटाने आई टीम ने दीपावली तक का समय दुकानदारों को देते हुए वापस लौट गई।

गाड़ियों की बुकिंग कर अपना कार्य कर रहे बागबाला निवासी आनंद गुप्ता ने बताया कि उन्हें दुकान से समान निकालने का मौका तक नहीं दिया गया। गुप्ता के मुताबिक शासन प्रशासन को जिम्मेदारी तय करनी चाहिए,गुप्ता के मुताबिक उन्हें करीब 60000 का नुकसान हुआ है जिसमे उनका लैपटॉप भी शामिल है। वहीं मोबाइल की दुकान चला रहे संदीप ने बताया कि दुकान में रखा करीब एक लाख का समान बर्बाद हो गया। संदीप के मुताबिक प्रशासन को दुकानदारों की रोजी रोटी छीनने की नहीं बल्कि देने की व्यवस्था पहले करनी चाहिए। सूरज ढाबा चलाने वाले संजय ने बताया कि बाढ़ के कारण तीन दिनों तक उनका पूरा परिवार भूखा रहा जिसके बाद बामुश्किल ढाबा शुरू कर रोजी रोटी का जुगाड़ कर रहे है। उन्होंने बताया कि ऐसे में नगर निगम की कार्यवाही इंसानियत के खिलाफ है।

 

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