रुद्रपुर। गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत तराई के किसानों ने रविवार को पीएम मोदी के ‘मन की बात’ संबोधन के दौरान ताली और थाली बजाई। पीएम मोदी ने जैसे ही मन की बात शुरू की, वैसे ही किसानों ने ताली, थाली और कनस्तर बजाने शुरू कर दिए। नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने पहले ही ऐलान किया था कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के मन की बात का विरोध करेंगे। किसानों ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात रहे हैं मगर किसानों की बात करने को तैयार नहीं हैं।
“अमृत विचार” से दूरभाष पर वार्ता करते हुए तराई किसान संगठन के अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क ने कहा कि किसान पिछले एक महीने से इतनी ठण्ड में प्रदर्शन कर रहे हैं। काले कृषि कानूनों की वापसी की मांग पूरे देश भर में हो रही है। मगर पीएम मोदी सिर्फ अपने मन की बात करने में लगे हैं। ज्ञात हो कि आज का ‘मन की बात’ इस कार्यक्रम का 72वां संस्करण था और ये इस साल का आखिरी मन की बात कार्यक्रम था। पीएम मोदी ने अपने इस मन की बात कार्यक्रम के दौरान किसानों के आंदोलन का ज़िक्र तक नहीं किया।
विर्क ने बताया कि पीएम मोदी के संबोधन के बीच किसानों लगातार बर्तन बजाये। किसानों ने इस दौरान नारेबाजी भी की। विर्क ने कहा कि मन की बात के शोर को दबाने के लिए किसान ताली, थाली व कनस्तर बजा जा रहे हैं और चाहते हैं कि मोदी जी उनके मन की बात भी सुनें।