भोंपूराम खबरी। देहरादून। उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम की बसों में बेटिकट और मनमाना किराया वसूली के मामलों में बदनाम परिचालकों के कारनामों से खुद परिवहन निगम के मुखिया भी नहीं बच पाए। लगातार मिल रही शिकायतों पर निगम के प्रबंध निदेशक रोहित मीणा मार्गों पर खुद जांच के लिए निकल पड़े। दिल्ली से नान-स्टाप वाल्वो बस में साधारण यात्री बनकर सवार हुए व मुजफ्फरनगर तक का टिकट मांगा। परिचालक ने बस नान-स्टाप बताकर किराया देहरादून तक का ले लिया, मगर टिकट मुजफ्फरनगर का ही दिया। इस पर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रबंध निदेशक ने परिचालक को बर्खास्त कर दिया। साथ ही प्रवर्तन टीमों को सभी नान-स्टाप वाल्वो बसों की चेकिंग का आदेश दिया है। परिवहन निगम देहरादून, ऋषिकेश समेत हरिद्वार व कुमाऊं से दिल्ली के लिए अपनी सुपर डीलक्स नान-स्टाप वाल्वो बस सेवा संचालित करता है। अकेले देहरादून से हर रोज 23 वाल्वो बसें दिल्ली मार्ग पर चलाई जा रहीं। यह बसें मेरठ एक्सप्रेस-वे होकर दिल्ली जाती हैं और बसों का एक ओर का सफर का समय चार घंटे निर्धारित है। कुछ दिनों से इन बसों में यात्रियों से नान-स्टाप सेवा के नाम पर ज्यादा किराया वसूलने की शिकायत मिल रही थी। इस पर तीन जुलाई रविवार को प्रबंध निदेशक रोहित मीणा खुद इसकी जांच के लिए निकले। आइएसबीटी दिल्ली से शाम साढ़े बजे संचालित वाल्वो (यूके07-पीए-0333) में मीणा साधारण यात्री की तरह सवार हुए। बस पर विशेष श्रेणी परिचालक अमन कुमार नियुक्त था। प्रबंध निदेशक ने उससे मुजफ्फरनगर तक का टिकट मांगा।परिचालक ने बताया कि बस नान-स्टाप है व किराया देहरादून तक का देना पड़ेगा। प्रबंध निदेशक ने उसे दून तक के किराये के 809 रुपये दिए, लेकिन परिचालक ने टिकट मशीन से मुजफ्फरनगर तक का 391 रुपये का टिकट बनाकर उन्हें थमा दिया। प्रबंध निदेशक मुजफ्फरनगर उतर गए और अगले दिन मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों की बैठक बुलाई। नान-स्टाप बसों के नाम पर वाल्वो में चल रही धांधली पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने हर वाल्वो बस की जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही परिचालक अमन कुमार को बर्खास्त कर दिया गया।