शोषण के खिलाफ धरने पर बैठे अशोका लेलैंड के प्रशिक्षु कर्मी

भौंपूराम खबरी, रुद्रपुर। अशोका लेलैंड में डिप्लोमा कर स्थायी नौकरी की आस में वर्षों से कंपनी में प्रशिक्षण प्राप्त कर काम कर रहे प्रशिक्षुओं ने कंपनी में कार्य बहिष्कार कर दिया और कंपनी के गेट पर धरने पर बैठकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। सैकड़ों की तादाद में धरना दे रहे इन युवकों के समर्थन में कांग्रेस पार्टी भी उतर आयी। पार्टी के स्थानीय नेताओं ने धरना स्थल पर पहुँचकर मांगो को जायज बताया। वही कंपनी प्रबंधन ने इन सभी प्रशिक्षुओं के धरने को असंवैधानिक ठहराते हुए उनकी मांगों को गलत बताया है।
मंगलवार को सिडकुल स्थित अशोका लेलैंड कंपनी के गेट के सामने लगभग 800 कर्मी कंपनी प्रबंधन से मुखर होकर धरने पर बैठ गए। इनका कहना था कि उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के तहत कंपनी ने वर्षों पहले “आशीर्वाद योजना” के अंतर्गतआटोमोबाइल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए उनका चयन किया था। उस समय कहा गया था कि सरकार व कंपनी द्वारा पोषित इस योजना में युवाओं को कंपनी में ही डिप्लोमा कराने के बाद नौकरी दी जाएगी। मगर जीवन में अमूल्य चार साल लगाकर डिप्लोमा करने के बाद न तो अशोक लेलैंड उन्हें नौकरी दे रही है और अन्य कम्पनियाँ उनके इस डिप्लोमा को अवैध ठहराते हुए नौकरी देने से मना कर रहे हैं। इन सभी महिला-पुरुष प्रशिक्षुओं का आरोप था कि कंपनी प्रबंधन ने फर्जी डिप्लोमा का सर्टिफिकेट बनाकर छात्र-छात्राओं को थमा दिया है। धरनारत युवकों की आवाज बुलंद करने के लिए कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंचे।
उन्होने बताया कि आर्शीवाद योजना के तहत उन लोगो ने अशोका लीलैंड कंपनी में आटोमोबाल इंजीनियरिंग में चार साल का डिप्लोमा करने के लिए अप्लाई किया था। जिसमें चयन होने के बाद वह कंपनी में पढ़ाई के साथ-साथ कार्य कर रहे थे। जिसमें डिप्लोमा की चार साल की अवधि पूर्ण होने के बाद उनको स्थाई नौकरी दिये जाने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन डिप्लोमा की अवधि पूर्ण होने के बाद भी उनको स्थाई नौकरी न देकर उनके कुछ साथियों को निकाल दिया गया। साथ ही जब कंपनी से प्राप्त डिप्लोमा के आधार पर अन्य कंपनियों में नौकरी के लिए अप्लाई किया गया तो उन कंपनियों ने इस डिप्लोमा को मानने से मना कर दिया। वही कुछ की डिप्लोमा अवधि भी बढ़ाकर कंपनी ने चार की पांच या छह साल कर दी। जिससे उनको भविष्य अंधकारमय हो गया है।
समर्थन करने पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य सुमित हृदयेश ने कहा कि वर्तमान सरकार का कोई अंकुश नहीं होने के कारण कंपनी के लोग मनमानी कर रहे है। वही कांग्रेस महासचिव हरीश पनेरू ने कहा कि युवाओं की इस लड़ाई में वह उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है। युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए पूरे प्रदेश में आंदोलन की जरूरत पड़ी तो चलाया जाएगा। पूर्व उपाध्यक्ष जिला पंचायत संदीप चीमा ने कहा कि सूबे में कांग्रेस सरकार ने उद्योग स्थापित किये ताकि पहाड़ की जवानी व्यर्थ न हो। वक्ताओं ने कहा कि जब तक युवाओं को न्याय नहीं मिलेगा यह आन्दोलन जारी रहेगा।

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