महिलाओं से ही चलायमान है जीवन शिल्पी अरोरा

रुद्रपुर।  पंजाबी समुदाय के प्रमुख पर्व लोहड़ी के मौके पर उत्तराँचल महिला पंजाबी महासभा ने अनूठी व प्रशंसनीय पहल की है। अमूमन पुत्र रत्न के पैदा होने पर समुदाय द्वारा धूमधाम से मनाये जाने वाले इस त्यौहार पर इस वर्ष से महासभा ने बेटियों की भी बेटों के बराबर बताते हुए क्षेत्र में नवजात बच्चियों और उनके परिवारों को उपहार भेंट किये। महासभा की नगर इकाईयों ने जिन घरों में हाल ही में बच्चियों का जन्म हुआ है वहां पहुँचकर पारंपरिक तिल, गुड़, मूंगफली, मकई, रेवड़ियाँ, गजक आदि आहार के अतिरिक्त नकद धनराशि भी कन्याओं को भेंट की। यही नहीं महासभा ने किशोरियों के लिए कार्यक्रम भी कार्यक्रम आयोजित किये और उन्हें भी क्षमतानुसार भेंट व नकद धनराशि प्रदान की। पंजाबी महासभा की महिलाओं का कहना है कि 21वीं सदी में अब लड़के और लड़की का भेद समाप्त हो चुका है। समाज को यह मानना होगा कि पुत्रियाँ भी पुत्र जितनी ही मूल्यवान होती हैं। उनके पैदा होने पर भी बेटों जैसी ख़ुशी ही मनानी चाहिए। लोहड़ी का पर्व कन्या सुरक्षा से भी जुडा है ऐसे में सभी कर्तव्य है कि बेटियों को भी सम्मान देते हुए उन्हें बराबरी का एहसास कराये।

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