बीजेपी जल्द ही अपने संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन करेगी, पार्टी सूत्रों के अनुसार संसद के चल रहे मानसून सत्र के दौरान संसदीय बोर्ड के रिक्त पदों को भरने की संभावना है. सूत्रों ने कहा कि एक अनुसूचित जाति के नेता और एक महासचिव को भी बोर्ड में जगह मिल सकती है. बता दें कि संसदीय बोर्ड पार्टी में सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है। फिलहाल बीजेपी पर्लियामेंट्री बोर्ड में पार्टी अध्यक्ष के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल हैं, पीयूष गोयल संसद में राज्य सभा के नेता होने के नाते पर्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्य हैं।पार्टी के संविधान के अनुसार, संसदीय बोर्ड में पार्टी अध्यक्ष के अलावा 10 सदस्य शामिल हो सकते हैं, इस तरह से बीजेपी के संसदीय बोर्ड में अभी तीन पद खाली पड़े हैं, इनमें एक महिला और एक अनुसूचित जाति के नेता को शामिल किया जाना लगभग तय है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को बीजेपी के इस सबसे ताकतवर बोर्ड में शामिल किए जाने की चर्चा है, वहीं महिला सदस्य के रूप में निर्मला सीतारमण को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया जा सकता है।पार्टी संविधान के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष अपने महामंत्रियों में से एक को पर्लियामेंट्री बोर्ड का सचिव नियुक्त करना होता है. आम तौर पर सबसे वरिष्ठ पार्टी महासचिव को ये ज़िम्मा मिलता आया है, ऐसे में सबसे वरिष्ठ महामंत्री कैलाश विजय वर्गीय या अरुण सिंह को संसदीय बोर्ड का सदस्य बनाया जा सकता है, पूर्वोत्तर से अनुसूचित जाति से आने वाले दुष्यंत गौतम या कर्नाटक से आने वाले सीटी रवि भी संसदीय बोर्ड के सचिव के रूप में जगह पा सकते हैं.