मंकीपॉक्स वायरस 15 देशों में पहुंचा, इंसानों से नहीं जानवरों से फैलता है ये वायरस

भोंपूराम खबरी। कोरोना के बाद अब monkeypox से लोग सकते में है। Mumbai में मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए 28 बेड का आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है।

पिछले 15 दिनों में यह वायरस 15 देशों में पहुंच गया है। बेल्जियम दुनिया में ऐसा पहला देश बन गया है, जहां मंकीपॉक्स से पीड़ित लोगों को तीन सप्ताह के लिए क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा कि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने वाले लोगों को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। बेल्जियम में अभी तक monkeypox के चार मामले दर्ज किए हैं, सभी एक त्योहार से संबंधित हैं, जो इस महीने की शुरुआत में एंटवर्प शहर में हुआ था। इसके अलावBritain ने monkeypox मरीजों के लिए 21 दिन का क्वारैंटाइन जरूरी कर दिया है। डब्लूएचओ ने कहा है कि किसी देश में इस बीमारी का एक भी मामला खतरे की घंटी होगा। भारत में monkeypox का कोई केस अब सामने नहीं आया है।                                                                                  मंकीपॉक्स एक जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है, जिसमें स्मॉल पॉक्स जैसे लक्षणों होते हैं। हालांकि यह इलाज की दृष्टि से कम गंभीर है। 1980 में चेचक के उन्मूलन और बाद में स्मॉल पॉक्स के टीकाकरण की समाप्ति के साथ मंकीपॉक्स सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर समस्या बनकर उभरा है।

मंकीपॉक्स वायरस एक डबल-स्ट्रैंडेड डीएनए वायरस है जो पॉक्स विरिडे परिवार के ऑर्थो पॉक्स वायरस जीनस से संबंधित है। मंकीपॉक्स, एक ऐसी बीमारी जो दशकों से अफ्रीकी लोगों में आम है लेकिन अब वो दुनिया के अन्य देशों में भी फैल रही है। खासकर अमेरिका, कनाडा और कई यूरोपीय देशों में इसके मामले सामने आ रहे हैं। 11 देशों में अब तक 80 मामले पाए जा चुके हैं।

हालांकि इस बीमारी का प्रकोप अभी बहुत व्यापक तो नहीं है लेकिन कुछ देशों में आए नए केस ने लोगो में चिंता ज़रूर पैदा कर दिया है। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि एक बार फिर वायरस के फैलने का कारण क्या है इसे लेकर अधिक जानकारी नहीं है, उनका कहना है कि फिलहाल आम जनता के लिए घबराने की कोई बात नहीं है।

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