भोंपूराम खबरी, रूद्रपुर। शहर स्थित मेडिसिटी अस्पताल प्रबंधन ने देहरादून स्थित ईएसआईसी अस्पताल के सीएमओ डॉ. आकाशदीप पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अस्पताल प्रबंधन का आरोप है निरीक्षण के लिए मेडिसिटी अस्पताल में आए ईएसआई सीएमओ डॉ. आकाशदीप द्वारा निराधार आरोप लगाए हैं, जिसके एवज में उनके द्वारा 50 लाख रुपये मांगे गए हैं, जिसको लेकर अस्पताल प्रबंधन ने रुद्रपुर कोतवाली में तहरीर भी दे दी है।
बता दें गत 8 मई को रुद्रपुर स्थित मेडिसिटी अस्पताल में देहरादून से ईएसआईसी नियमों के निरीक्षण को लेकर दो डॉक्टरों की टीम रुद्रपु पहुंची थी। प्रबंधन का आरोप है कि अस्पताल में तीन लोग निरीक्षण को आए और बिना कारण बताए निरीक्षण कर लौट गए। जिसके बाद 19 मई को उनके अस्पताल को पत्र आया कि उनका अस्पताल ईएसआईसी से सस्पेंड किया जा रहा है। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मेल के जरिए ईएसआईसी कार्यालय को ईएसआई से जुड़े मरीजों को अस्पताल से अन्यत्र शिफ्ट करने की गुजारिश की गई लेकिन ईएसआईसी कार्यालय द्वारा कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई।
जानकारी देते हुए मेडिसिटी अस्पताल से डॉ. दीपक छाबड़ा ने बताया कि बीते 4 सालों से उनके अस्पताल में ईएसआईसी से जुडत्रे मरीजों का उपचार किया जा रहा है। बीते 8 मई को तीन डॉक्टरों द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया गया, जिसमें टीम व कार्यालय ने अस्पताल को ईएसआईसी उपचार से सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है। जारी नोटि स में ईएसआईसी की ओर से पांच बिंदु बताए गए हैं, जिसमें महिला व पुरुष एक वार्ड में भर्ती, अस्पताल में चिकित्सक का न होना, दर्ज भर्ती मरीजों का अस्पताल में न मिलना, जनरल वार्ड में हेपेटाइटिस बी का मरीज एडमिट होना, कैंसर के मरीज का पैसे लेकर उपचार करना आदि कमी पाई गई। जिसको लेकर ईएसआई कार्यालय द्वारा सस्पेंड की संस्तुति की गई है। वहीं पूरे मामले में डॉ दीपक छाबड़ा का कहना है कि महिला व पुरुष को एक वार्ड में अस्पताल की व्यवस्तता के चलते एडमिट किया गया था, जिसमें पुरी सुरक्षा के इंतेजामात थे। वहीं रविवार के चलते चिकित्सक न मिलने की बात डॉ. दीपक छाबड़ा ने कही। उन्होंने कहा रविवार के दिन सुबह व शाम एवं इमरजेंसी में चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं। उनके द्वारा अन्य बिंदुओं पर भी दस्तावेजों के साथ सफाई दी गई हालांकि पूरे मामले में मेडिसिटी अस्पताल प्रबंधन ने रुद्रपुर कोतवाली में तहरीर सौंपी है। इसके साथ ही ईएसआईसी कार्यालय देहरादून व अन्य संबंधित कार्यालयों में भी जवाब सौंपा है।