भोंपूराम खबरी। अगर आप कुत्ता पालने का शौक रखते हैं तो आपके उपर अब कुत्तों के साथ-साथ उसके लिए लाइलेंस लेने की भी जिम्मेदारी होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुत्ता पालने वाले मालिकों से लाइसेंस रखना अनिर्वाय कर दिया है।इसकी शुरुआत लखनऊ से हुई थी और जल्द ही इसे उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में विस्तारित किया जाएगा। नए नियम के अनुसार, अगर आपके पास लाइसेंस नहीं है तो ऐसी स्थिति में कुत्ते के मालिक पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। साथ ही कुत्ते को नगरपालिका अधिकारियों द्वारा जब्त भी किया जाएगा। नागरिक अधिकारी जल्द ही 1 जून से पालतू जानवरों के मालिकों का घर-घर सर्वेक्षण करेंगे। यह उन लोगों को दंडित करेगा जिनके पास अपने पालतू कुत्तों का लाइसेंस नहीं है।
लखनऊ नगर निगम की आठ टीमें चार-चार सदस्यों के साथ घर-घर जाकर सर्वे करेंगी।लखनऊ नगर निगम रिकॉर्ड के मुताबिक, शहर में करीब 4,000 पालतू कुत्ते हैं। पिछले साल लगभग 2,500 पालतू कुत्तों के मालिकों ने लाइसेंस लिया।एलएमसी के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अरविंद राव ने कहा कि, “टीमें बिना लाइसेंस के पालतू कुत्तों को अपने साथ ले जाएगी और मालिकों द्वारा 5,000 रुपये का जुर्माना भरने के बाद ही उन्हें रिहा करेंगी।”उन्होंने कहा कि, “अगर मालिक जुर्माना देने में विफल रहता है तो पालतू जानवर को इंदिरा नगर के एलएमसी डॉग शेल्टर होम में भेज दिया जाएगा। हर पालतू जानवर के मालिक को कुत्ते के मल को लेने और उसका निपटान करने के लिए एक बैग ले जाने की आवश्यकता होती है, लेकिन कई लोग नियम का पालन नहीं करते हैं।”डॉ अरविंद राव ने कहा, “हमें पालतू जानवरों के मालिकों के पड़ोसियों से उनके घरों के बाहर शौच करने वाले कुत्तों पर रोजाना चार शिकायतें मिलती हैं।” पालतू कुत्तों का सर्वेक्षण पूरा होने के बाद, एलएमसी शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों से निपटने की योजना बना रही है।शहर में आवारा कुत्तों ने कई बच्चों पर हमला किया है जिससे कुछ की मौतें भी हुई हैं।