भोंपूराम खबरी। उत्तराखंड में फर्जी और अपात्र राशन कार्ड धारकों के खिलाफ इन दिनों सख्ती से अभियान चलाया जा रहा है। पात्र को हां अपात्र को ना”अभियान के तहत अब तक 30 हज़ार से ज्यादा राशन कार्डो की 1 लाख 21 हज़ार से अधिक यूनिट सरेंडर किए जा चुके हैं। यानी अब तक ये सभी अपात्र लोग गरीबों का राशन खा रहे थे। इनमें से 6 हज़ार से ऐसे परिवारों के राशन कार्ड हैं जिनकी वार्षिक आय 5 लाख से भी ज्यादा है। यानी आर्थिक स्थिति अच्छी होने के बावजूद यह लोग गरीबों का राशन खा रहे थे। दरअसल खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने पात्र को हां अपात्र को ना अभियान चलाया है इसके तहत बड़ी संख्या में लोग अपने राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। अगर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की रिपोर्ट की माने तो अब तक 30458 राशन कार्ड सरेंडर किए जा चुके हैं, जिनमें से 6143 राशन कार्ड एसएफआई, 2987 अंत्योदय, और 21384 प्राथमिक परिवारों के राशन कार्ड है।अगर खाद्य एव नागारक आपात विभाग का रिपाट का माने तो अब तक 30458 राशन कार्ड सरेंडर किए जा चुके हैं, जिनमें से 6143 राशन कार्ड एसएफआई, 2987 अंत्योदय, और 21384 प्राथमिक परिवारों के राशन कार्ड है। सबसे ज्यादा फर्जी राशन कार्ड राजधानी देहरादून में मिले हैं। जबकि रुद्रप्रयाग जिले से सबसे कम फर्जी राशन कार्ड बरामद किए गए हैं। विभाग के आंकड़ों कद मुताबिक देहरादून में 6309 राशन कार्ड बरामद किए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में मात्र 327 अपात्र लोगों के राशन कार्ड बरामद हुए हैं। इसके अलावा उधम सिंह नगर जिले में 6193 राशन कार्ड, पौड़ी गढ़वाल में 3868, उत्तरकाशी में 351, टिहरी गढ़वाल में 1609, हरिद्वार में 4940, चमोली में 936, नैनीताल जिले में 2767, चंपावत में 634, बागेश्वर में 542, अल्मोड़ा में 371, और पिथौरागढ़ जिले में 1611 राशन कार्ड अब तक सरेंडर किए जा चुके हैं। यह वह लोग थे जो अब तक सरकारी राशन सस्ते में ले रहे थे या फ्री में ले रहे थे। जबकि इनकी वार्षिक आय 5 लाख से ज्यादा थी