बागवाला गोलीकांड का आरोपी पुलिस हिरासत में

भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। बागवाला गोलीकांड का आरोपी दीपक जैन पुलिस के हाथ लग गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरु कर दी है। वहीं आरोपी की गिरफ्तारी और सरेंडर में संशय है। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो आरोपी की बहन द्वारा उसका समर्पण कराये जाने की बात सामने आ रही है। वहीं रुद्रपुर कोतवाल का कहना है कि दीपक जैन को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

बीती 29 मार्च को होली के दिन आरोपित दीपक जैन द्वारा अपने फार्म हाउस में काम करने वाले एक मजदूर की 6 वर्षीय बेटी पर फायरिंग कर दी गयी थी। जिसके बाद पुलिस द्वारा पूरे मामले में अभियोग पंजीकृत किया था। गोलीकांड के बाद से ही आरोपित दीपक जैन फरार चल रहा था। वहीं पुलिस एनबीडब्ल्यू जारी कर दीपक जैन के घर की कुर्की की कार्यवाही की तैयारी में थी। पुलिस निरंतर आरोपी के सभी ठिकानों पर लगातार छापेमारी में जुटी हुई थी। जिसके बाद बुधवार को दीपक जैन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोतवाल नित्यानंद पंत का कहना है कि पुलिस आरोपित दीपक जैन की तलाश में जुटी हुई थी। जिसे आज पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं सूत्रों की माने तो दीपक जैन की बहन द्वारा उसे कोतवाली में सरेंडर कराया गया है। गिरफ्तारी और सरेंडर में अभी भी सस्पेंस बना हुआ है। वहीं पूरे मामले में कुछ बड़े लोगों द्वारा पैरवी की जाने की बात भी सामने आ रही है।

दीपक जैन द्वारा गोलीकांड में प्रयुक्त हथियार को लेकर संशय बना हुआ है। शहर कोतवाल का कहना था कि घटना में तमंचा प्रयुक्त हुआ है। जबकि पीड़ित बच्ची के परिजनों का कहना है कि दीपक ने तीन लगातार गोलियां चलायी थी और गोलियें के खोखे हथियार से स्वचालित तरीके से बाहर गिर रहे थे। वहीं इस मामले में एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि घटना में दीपक के एक दोस्त की संलिप्तता भी सामने आई है। हथियार उसका हो सकता है। पुलिस उस दोस्त को भी शीघ्र गिरफ्तार करेगी और तमंचे अथवा पिस्तौल को लेकर शक दूर हो जायेगा।

एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि पूर्व में होटल अरोमा क्लासिक में मालिक पर फायरिंग के आरोप में उच्च न्यायालय से दस साल की सजा पा चुके दीपक और उसके पिता के हथियारों के लाइसेंस निरस्त किये जा चुके हैं। दोनों के हथियार भी पुलिस के मालखाने में जमा हैं। ऐसे में घटना में प्रयुक्त हथियार अगर अर्ध स्वचालित निकलता है तो सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

बीते कई दिनों से फरार चल रहे दीपक जैन के अचानक पुलिस के हाथ आ जाने से शहर में चर्चा का बाजार गर्म रहा। जानकारों का कहना था कि दीपक जैन के सरेंडर में एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी और किच्छा रोड पर रहने वाले एक कांग्रेस नेता ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। हालांकि पुलिस अधिकारी इस बात से इनकार करते

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