भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के बाद भी उधम सिंह नगर की नजूल भूमि का मुद्दा विधानसभा सत्र से गायब होना इस बात का प्रमाण है कि भाजपा सरकार रुद्रपुर मुख्यालय के हजारों परिवारों को नजूल पर मालिकाना हक देना नहीं चाहती है। यही नहीं सरकार उन्हें उजाड़ने की साजिश कर रही है।
यह बात भाईचारा एकता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार ने कही। उन्होंने कहा कि मंच नजूल की इस लड़ाई को लेकर पूर्व से आंदोलनरत है और अब चुनाव से पहले घर-घर जाकर लोगों को नजूल पर मालिकाना हक और दानपात्र की भूमि के स्थाई समाधान को लेकर जागरूक करेगा। गंगवार ने कहा कि जनपद उधम सिंह नगर से मुख्यमंत्री बनने के बाद यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि इस विधानसभा सत्र में नजूल भूमि पर मालिकाना हक को लेकर चर्चा होगी लेकिन पूरे विधानसभा सत्र के बीत जाने के बाद भी नजूल के मामले पर कोई बात ना होना इस बात का प्रमाण है कि सरकार को रुद्रपुर मुख्यालय पर नजूल पर बसे हजारों परिवारों की कोई चिंता नहीं है। अब मंच नजूल पर मालिकाना हक और दानपात्र की भूमि के स्थाई समाधान को लेकर जो आंदोलन चला रहा है उसे और तेज किया जाएगा। जब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता संगठन इस मामले की लड़ाई लड़ता रहेगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि विगत 5 वर्षों से भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री और जनप्रतिनिधि रुद्रपुर में चुनाव के समय नजूल पर मालिकाना हक दिलाने की कसमें खाते रहे है लेकिन धरातल पर नजूल के मामले को लेकर सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने कोई कार्य नहीं किया। उस अन्याय को लेकर आगामी विधानसभा चुनाव में मंच के सदस्य व जनता इसका जवाब देगी।