भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। रोडवेज बस अड्डे वाली नगर की प्राचीन रामलीला में दशहरा मनाये जाने के बाद लीला के अंतिम दिन लक्ष्मण द्वारा विभीषण को लंका की गद्दी पर बैठा कर राजतिलक करना, प्रभु श्री रामचंद्र जी की अयोध्या वापसी, भरत द्वारा प्रभु श्री राम जी को राजपाट सौंपना, राजा राम के राजतिलक के बाद बजरंगबली जी के साथ समस्त अयोध्यावासियों द्वारा खुशियां मनाने तक की लीला संपन्न हुई। इस दौरान सभी कलाकारों को पुरस्कार वितरण कर इस वर्ष की लीला को विराम दे दिया गया।
भगवान गणेश जी की आरती एवं हनुमान चालीसा के पाठ के बाद प्रारंभ हुई शुक्रवार रात्रि की लीला के प्रथम दृश्य मैं लक्ष्मण विभीषण को लंका का राजपाट सौंप देते हैं और श्री राम व माता सीता सहित अयोध्या लौट जाते हैं। अयोध्या में भरत राम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं । हनुमान जी द्वारा भरत को सूचना दी जाती है कि राम अयोध्या के सीमा पर पहुंच चुके हैं भरत नंगे पैर राम को लेने दौड़ पड़ते हैं और दोनों भाई एक दूसरे से 14 वर्षो के लंबे इंतजार के बाद जब मिलते हैं तो दोनों की आंखों से खुशी के आंसू आने लगाते हैं। इसके बाद महर्षि वशिष्ठ राम को राज तिलक कर अयोध्या का राजपाट सौंप देते हैं। वहां पर मौजूद बजरंगबली जी और तमाम अयोध्यावासी झूम उठते हैं और हर्षोल्लास का वातावरण बन जाता है।
इस दौरान राम की भूमिका में मनोज अरोरा, लक्ष्मण के रूप में राजकुमार कक्कड़, सीता जी के किरदार में गौरव जग्गा, हनुमान के रूप में सुशील गाबा, गणेशजी के रूप में अमन गुम्बर, विभीषण सचिन आनन्द, भरत के पात्र में संजीव आनंद व शत्रुघ्न के पात्र में सौरभ राज बेहड़ ने अपने अभिनय से जान फूंक दी।
इस दौरान रामलीला कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल, महामंत्री विजय अरोरा, कोशाध्यक्ष नरेश शर्मा, सुभाश खंड़ेलवाल, महावीर आजाद, हरीश धीर, अमित अरोरा बोबी, राकेश सुखीजा, मोहन लाल भुड्डी, प्रेम खुराना, डायरेक्टर हरीश सुखीजा, चिराग कालरा, हैप्पी रंधावा, मनकरण रंधावा व आयुष्मान सुशील गाबा आदि मौजूद थे। संचालन श्रीरामलीला कमेटी के मंच सचिव केवल कृष्ण बत्रा एवं कोषाध्यक्ष नरेश शर्मा ने किया।