बर्ड फ्लु के लिए वन, पशु चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने कसी कमर

 
रुद्रपुर।  देश में बर्ड फ्लू की दस्तक के कारण उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी होने के बाद उधम सिंह नगर का पशुपालन, वन व पशु चिकित्सा विभाग हरकत में आ गया है। हालाँकि जिले में अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं मिला है पर फिर भी संबंधित विभाग इस जानलेवा बीमारी के प्रति लापरवाही नहीं बरत रहे हैं। जिले के सभी नौ विकास खण्डों में रैपिड रिस्पौंस टीम का गठन किया गया है जो प्रत्येक पोल्ट्री फ़ार्म जाकर पक्षियों की जांच कर रही हैं।
उधम सिंह नगर की उप पशु चिकित्सा मुख्याधिकारी डॉ पूजा पाण्डेय ने बताया कि सभी टीमें पोल्ट्री फार्मों पर जाकर पक्षियों के सीरम नमूने सहित नाक के व क्लौएका अंग के स्वैब नमूने भी ले रही हैं। इसमें पशु चिकित्सों के साथ ही जिले की डिजीज डायग्नोस्टिक टीम भी साथ कार्य कर रही है। इन नमूनों के प्रतिदिन संकलन के साथ ही सैंपल जांच के लिए त्वरित गति से भेजे जा रहे हैं। जिले के जलाशयों में आने वाले प्रवासी पक्षियों की जांच किये जाने की बाबत डॉ पाण्डेय ने कहा कि इसके लिए जिलाधिकारी रंजन राजगुरु ने बैठक आहूत की है।

जिस तरह से बीते कुछ दिनों में राज्य के विभिन्न इलाकों में मृत पक्षी मिले हैं, उससे कई तरह की आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि प्रदेश में अभी तक बर्ड फ्लू की जांच के लिए कोई लैब नहीं है। ऋषिकेश के पशुलोक में लैब बनाने के लिए केंद्र से स्वीकृति मांगी गई थी, लेकिन यह अभी तक नहीं मिली है। ऐसे में जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे जा रहे हैं, जहां से रिपोर्ट आने में खासा वक्त लगता है। उत्तराखंड में सबसे अधिक चिंता प्रवासी पक्षियों से है। इनकी निगरानी और रोकथाम किसी चुनौती से कम नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर 
जिले के स्वास्थ्य महकमे ने भी अस्पतालों में संदिग्ध मरीज के आने पर उसे आइसोलेशन में रखते हुए इलाज कराने को कहा है। सहायक मुख्य चिकित्सा अधिकारी अविनाश खन्ना ने बताया कि सामान्य खांसी-जुकाम से पीड़ित मरीजों की भी आवश्यक जांच की जा रही है। जिले के जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय और एलडी भट सिविल अस्पताल में पृथक वार्ड बनाए जा रहे हैं।
रविवार से वन विभाग चलाएगा अभियान 
रुद्रपुर क्षेत्र की प्रभागीय वनाधिकारी अभिलाषा सिंह ने बताया कि जिले के सभी जलाशयों पर लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। प्रतिदिन रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को प्रेषित की जा रही है। उन्होंने कहा कि रविवार से स्वास्थ्य व पशु चिकित्सा विभाग के साथ एक संयुक्त अभियान शुरू करते हुए प्रवासी पक्षियों के भी सीरम के नमूने एकत्र किये जायेंगे ताकि किसी किस्म का खतरा न उत्पन्न हो।
उत्तराखंड में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में फैले कुल 994 वेटलैंड हैं। इनमें 97 ऐसे हैं, जो वन क्षेत्र से बाहर हैं। शीतकाल में इन वेटलैंड में मध्य एशिया से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जो मार्च तक यहां रहते हैं। वर्तमान में भी राज्य के तमाम जलाशयों में मेहमान पक्षी नजर आ रहे हैं। वहीं हिमाचल, राजस्थान और केरल में बड़ी संख्या में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। उत्तराखंड के लिए सबसे बड़ी चिंता हिमाचल के कांगड़ा स्थित बैराज में पक्षियों की मौत है। वैसे तो उत्तराखंड में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी राज्यों की घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। —-  प्राण ठक्कर, विख्यात पक्षी विशेषज्ञ

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