भोंपूराम खबरी,। रुद्रपुर दौरे पर पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक की कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में मीडिया को प्रवेश न दिए जाने से सुगबुगाहट का दौर तेज हो गया है। चर्चा है कि पार्टी में चल रही गुटबाजी को थामने पहुंचे कौशिक नहीं चाहते कि अनुशासन का ढिंढोरा पीटने वाली पार्टी की अंतर्कलह जनता के सामने आये।
यह सर्वविदित है कि रुद्रपुर में भाजपा की गुटबाजी चरम पर है। गाहे-बगाहे संगठन के जिला पदाधिकारी व स्थानीय विधायक का आपसी द्वेष सामने आता ही रहता है। इसके अलावा जिस तरह से बीते दिनों स्थानीय विधायक ने नैनीताल राजमार्ग से अतिक्रमण हटाओ अभियान का विरोध करते हुए अपनी ही पार्टी के मेयर के खिलाफ मोर्चा खोला था वह भी किसी से छुपा नहीं है। इस मुद्दे पर विधायक की कांग्रेस नेताओं के साथ जुगलबंदी भी पार्टी हाईकमान को रास नहीं आई है। उस पर तुर्रा यह कि हाल ही में एक राष्ट्रीय चैनल द्वारा कराये गए सर्वे में सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को देश में सबसे खराब मुख्यमंत्री का तमगा मिला है। अब जब विधान सभा चुनाव में एक साल रह गया है तो पार्टी यह नहीं चाहती कि पिछले चुनाव में मिले भारी बहुमत को मोदी जादू का असर समझा जाए। इसलिए पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुटता का सन्देश दिया जा रहा है। देश भर में मुख्यमंत्री की खराब हुई छवि के डैमेज कंट्रोल के लिए भी संगठन की एका महत्वपूर्ण हैं। अमूमन अपनी छींक भी मीडिया से साझा करने वाले भाजपा के नेताओं द्वारा मंत्री कौशिक की मीटिंग से मीडिया को दूर रखना साफ़ दर्शाता है कि अनुशासन का दम भरने वाली पार्टी में सबब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।