किसान आन्दोलन के समर्थन में मातृशक्ति सड़कों पर

 भौंपूराम खबरी रुद्रपुर।  कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर दो महीने से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में शुक्रवार को नगर में महिलाओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। संयुक्त किसान मोर्चा और तराई सिख महासभा के बैनर तले सैकड़ों महिलाओं ने शहर में पदयात्रा निकाली और कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग करी। इस दौरान मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी और किसानों का दमन न करने को चेतावनी भी दी गयी।
शुक्रवार दोपहर सैकड़ों की तादाद में महिलाएं काशीपुर रोड स्थित ग्रीन पार्क कॉलोनी के गुरुद्वारे में एकत्र हुई। किसान परिवारों की इन महिलायें ने अपने बच्चों सहित पहले गुरुद्वारे में अरदास करी और उसके बाद जुलूस की शक्ल में काशीपुर हाईवे पर बढ़ चली। हाथों में भारतीय तिरंगा, किसान आन्दोलन का झंडा व सिखों के पवित्र निशान साहिब लिए यह महिलाएं एक स्वर में कृषि कानून वापस लिए जाने की मांग कर रही थी। इस दौरान महिलाओं ने मोदी सरकार पर किसान आन्दोलन को बदनाम करने का आरोप लगाया।
महिलाओं का कहना था कि शांतिपूर्ण ढंग से दो महीने आन्दोलन करने वाले किसानों को बदनाम करने के लिए गणतंत्र दिवस पर लाल किला प्रकरण की साजिश रची गयी। उन्होंने कहा कि सरकार इस आन्दोलन को बदनाम कर देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है। महिलाओं ने कहा कि वह मनोयोग से आंदोलित किसानों के साथ हैं और देश की धार्मिक एकता को किसी कीमत पर खंडित नहीं होने देंगी। महिलाओं से सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि मोदी सरकार ने किसानों का उत्पीडन किया तो देश भर में महिलाएं सड़कों पर उतर आएँगी। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं को दिल्ली के सीमाओं पर चल रहे आन्दोलन की बागडोर संभालनी पड़ी तो वह पीछे नहीं हटेंगी। महिलाओं ने ‘किसान-मजदूर एकता जिंदाबाद’, ‘राकेश टिकैत जिदाबाद’ और ‘हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में हैं भाई-भाई’ के उद्घोष लगाये। लगभग आधा किमी लंबा यह जुलूस गावा चौक, गल्ला मंडी, भगत सिंह चौक, बाटा चौक से होते हुए चार किमी चलने के बाद महाराजा रणजीत सिंह पार्क पर पहुँचकर समाप्त हुआ।

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