भौंपूराम खबरी रुद्रपुर। सूबे में कार्यरत व्यापार मंडल अपनी प्रासंगिकता खो चुके हैं और इन संगठनों के पदाधिकारी राजनीतिक पार्टियों के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं। इन्हें व्यापारियों के हित से कोई सरोकार नहीं है। कोरोना काल में सबसे अधिक नुक्सान झेलने वाले व्यापारियों के लिए सरकार ने कोई राहत को घोषणा न कर दर्शाया है कि व्यापारी उनके लिए मात्र चंदा उगाहने का साधन हैं। यह बात प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष संजीव चौधरी ने नगर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
स्थानीय होटल में मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि सूबे के दो सबसे बड़े व्यापारिक संगठन, उद्योग व्यापार मंडल व देवभूमि व्यापार मंडल, के पदाधिकारियों ने व्यापारियों को छलने का कार्य किया है। कोविड काल में लॉकडाउन लगने से सूबे के व्यापारियों की कमर टूट गयी। देवभूमि में पर्यटन बंद होने से व्यवसायियों को खाने तक के लाले पड़ गये मगर व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों ने सरकार से कोई राहत इन व्यापारियों को नहीं दिलवाई। यह नेता मात्र अपने हितों को साधने के लिए लम्बे समय से इन संगठनों पर कब्जा किये बैठे हैं और राजनीतिक दलों के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं।
चौधरी ने कहा कि इसी तुच्छ राजनीति से त्रस्त होकर उन्होंने छ वर्ष पूर्व प्रदेश व्यापार मंडल की स्थापना की और आज इसके प्रचार-प्रसार और विस्तार के लिए बीते तीन महीने से पूरे प्रदेश की यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उधम सिंह नगर में भी कई व्यापारी उनके संपर्क में हैं जो व्यापारी हितों के लिए उनसे जुड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि संगठन की सभी इकाइयाँ बनते ही सरकार से कोविड से प्रभावित प्रत्येक व्यापारी के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता व सभी के बच्चों की स्कूल फीस सहित पानी व बिजली के बिल माफ़ कराने के लिए मुहिम छेड़ी जाएगी। इस दौरान सुनील यादव व देवी मंडल मौजूद रहे।