भौंपूराम खबरी, रुद्रपुर। सिंघु बॉर्डर पर किसान आन्दोलन के समाचार संकलित करने वाले दिल्ली के स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पूनिया की गिरफ्तारी से गुस्साए पत्रकारों ने दिल्ली पुलिस का पुतला फूँका। पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए पूनिया की तत्काल रिहाई की मांग करी।
श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के बैनर तले तमाम पत्रकार दीनदयाल चौक पर एकत्र हुए। इनका कहना था कि पूनिया की बिना अपराध गिरफ्तारी लोकताँत्रिक हितों पर कुठाराघात है। सच्चाई दिखाने वाले पत्रकार को जेल भेजकर दिल्ली पुलिस ने सिद्ध किया है कि देश में अघोषित इमरजेंसी जैसा माहौल है। उन्होंने कहा कि पूनिया अपना कार्य करते हुए केवल सिंघु बॉर्डर की असलियत जनता के सामने रख रहे थे। लेकिन दिल्ली पुलिस ने दमनकारी रवैया अपनाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया और सच को दबाने का प्रयास किया। पत्रकारों ने केंद्र सरकार से मांग करी कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर इस तरह प्रहार करने की शैली बंद होनी चाहिये। कहा कि पूनिया को अगर बिना शर्त और अविलम्ब रिहा नहीं किया गया तो प्रदेश भर में अन्दोलना छेड़ा जाएगा। पुतला दहन करने वालों में यूनियन के जिलाध्यक्ष राजीव चावला, सुरेन्द्र गिरधर, मनीष आर्या, अनुराग पाल, केवल चन्द्र, काजल राय, हिमांशु नरूला, ललित राठौर, सोम कोली, गौतम सरकार, रणजीत कुमार, जुबैर मलिक, सुनील राणा, करमजीत चन्ना, अल्तमश मालिक आदि पत्रकार शामिल थे।