जानिए कैसे कलक्ट्रेट में हुआ अतिक्रमण

भौंपूराम खबरी, रुद्रपुर।  शहर में अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं और इस बाद निशाना कोई और नहीं बल्कि जिले के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों से गुलजार कलक्ट्रेट बना है। यहाँ जिला पंचायत कार्यालय से सटी दीवार पर एक दर्जन से भी अधिक लघु व्यवसायियों ने अस्थायी कब्ज़ा कर लिया है। इन लोगों ने यहाँ होटल खोल दिए हैं और बेख़ौफ़ होकर अपने कारोबार चला रहे हैं। यह आलम तब है जब जिला पंचायत द्वारा इन सभी अतिक्रमणकारियों को लगभग पंद्रह दिन पहले दो दिन के भीतर जगह खाली करने के नोटिस दिए जा चुके हैं।

ज्ञात हो कि उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर के कलक्ट्रेट में लम्बे समय से ठेली-फड वाले खान-पान का कारोबार करते आ रहे हैं। शुरुआत में एक-दो ठेली यहाँ एसएसपी कार्यालय के बाहर खड़ी होती थी। लेकिन कालांतर में यह संख्या दो दर्जन से भी अधिक हो गयी। साल 2019 में तत्कालीन एसएसपी बरिंदरजीत सिंह की सख्ती के बाद ये कब्जेदार यहाँ से हटे। लेकिन शीर्षस्थ पुलिस अधिकारी द्वारा हटाये जाने पर भी यह अतिक्रमणकारी नहीं माने और एआरटीओ कार्यालय के समक्ष अपने अस्थायी होटल बना लिए। लगभग छह माह पूर्व यहाँ से हटाये जाने पर इन लोगों ने अब जिला पंचायत कार्यालय को निशाना बनाया है और बेधड़क यहाँ पर अतिक्रमण कर कारोबार चला रहे हैं। गौरतलब है कि इन ठेलीनुमा होटलों पर दिन में ही शराबियों का जमावड़ा लग जाता है और यहाँ एकत्र भीड़ से इस सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। निरंकुश हो चुके यह कब्जेदार बड़ी गाड़ियों में कच्चा भोजन लेकर आते हैं और सरकारी जमीन पर ही कुर्सी-मेजें जमाकर अपने होटल सजा लेते हैं। नाम न छापने की शर्त पर जिला पंचायत के एक अधिकारी ने कहा कि यह लोग पुलिस को सुविधा शुल्क देते हैं जिसके चलते इनके हौसले बुलंद हैं।                                                                                                                                                         वही समाजसेवी संतोख सिंह का कहना है लोगों ने इस काम को धंधा बना लिया है। पहले यह एक जगह पर कब्जा करते हैं फिर उजाड़े जाने पर आन्दोलन कर वैकल्पिक जगह उपलब्ध कराये जाने की मांग करते हैं। इसके लिए राजनीतिक पार्टियाँ भी दोषी हैं जो इन अतिक्रमणकारियों के वोटों के फेर में शहर का माहौल खराब करवाती हैं।

 इस पर अधिवक्ता सरदार हरप्रीत सिंह का कहना है कि इन लोगों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। अभी तो ये अतिक्रमणकारी कम संख्या में हैं। बाद में संख्या बढ़ने पर ये खुद के लिए अलग बाजार बनाए जाने की मांग करेंगे और राजनीतिक लोगों का साथ लेकर प्रशासन को ब्लैकमेल करेंगे।

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