भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। प्रदेश में क्रिकेट संघ बनने के बाद से अब खिलाड़ियों के टीम में सिलेक्शन के नाम पर ठग सक्रिय हो गए हैं। यह ठग उदीयमान खिलाड़ियों के अभिभावकों से रणजी ट्रॉफी में उनके बच्चों का चयन कराने के नाम पर 5 से लेकर 15 लाख रुपए तक ठग रहे हैं। अपने खिलाड़ी बच्चों का करियर बनाने के लिए पहले ही भाई-भतीजावाद से जूझ रहे माता-पिता के लिए इस तरह की ठगी कोढ़ में खाज का काम कर रही है।
उल्लेखनीय है कि क्रिकेट में हमेशा से आरोप लगते आए हैं कि प्रतिभावान खिलाड़ियों को पीछे छोड़कर सोर्स से आने वाले खिलाड़ियों को मौका दिया जाता रहा है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए अब कुछ ठग भी सक्रिय हो गए हैं। आपके अपने वेब पोर्टल भोंपूराम खबरी को सूत्रों से जानकारी मिली है कि खुद को एक प्राइवेट क्रिकेट कोच बताने वाला एक व्यक्ति लोगों के खून-पसीने की कमाई लूटने में लगा है। इसकी मोडस ऑपरेंडी यह है कि टीम सिलेक्शन में कुछ ही फासले से रह जाने वाले प्रतिभावान खिलाड़ियों के परिवार को यह झांसे में लेता है। उन्हें अपने कोच होने का रसूख दिखाकर उनके बच्चों को प्रदेश की रणजी टीम में शामिल कराने का आश्वासन देता है। विश्वास जमा लेने के बाद यह इन मध्यम वर्गीय परिवारों से पांच से लेकर पंद्रह लाख रुपए झटक लेता है। अब तक यह कई परिवारों को लूट चुका है।
जब बच्चों को टीम में प्रवेश नहीं मिलता और भुक्तभोगी अभिभावकों इससे संपर्क करते हैं तो पहले यह टालमटोल करता है और अधिक दबाव पड़ने की स्थिति में अंजाम भुगतने की धमकी देता है। भोंपूराम खबरी की टीम को ऐसे कुछ अभिभावक मिले जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर अपनी आपबीती सुनाई। इन अभिभावकों से लाखों रुपए ठगने के बाद यह तथाकथित कोच अभी भी अन्य खिलाड़ियों के परिवारों को मूर्ख बनाने में लगा है। रकम वापस मांगने पर उन्हें धमकियां मिल रही हैं। पुलिस के पास जाने की बाबत पूछने पर इन अभिभावकों का कहना था कि वह अपने बच्चों का शेष कैरियर समाप्त नहीं करना चाहते इसलिए कार्रवाई से बच रहे हैं। लेकिन अपनी हाड़तोड़ मेहनत की कमाई खोने का दुख इनके चेहरे पर देखा जा सकता है।
ऐसे में देखने योग्य होगा कि राज्य के खेलप्रेमी डीजीपी इस मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए कुछ करते हैं या फिर खुद को कोच कहने वाला यह व्यक्ति अपनी ठगी जारी रखेगा।