भोंपूराम खबरी। दुनिया अभी भी कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे वायरसों से जूझ रही है और इसी बीच एक नया वायरस आ गया है. रूस में चमगादड़ों में एक नए वायरस की पुष्टि हुई है. ये कोरोना की तरह ही है. वैज्ञानिकों ने इसे खोस्ता-2 नाम दिया है. चिंता की बात यह है कि ये वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैल सकता है और फिर इसका ह्यूमन ट्रांसमिशन भी तेजी से हो सकता है. इस वायरस का कोई टीका भी उपलब्ध नहीं है. खोस्ता-2 वायस पर कोविड की वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी भी काम नहीं करती है. प्लो, पैथोजन्स जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इस वायरस का ट्रांसमिशन इंसानों में शुरू हो गया तो येकाफी नुकसान पहुंचा सकता है। पिछले कुछ सालों से हम देख भी रहे हैं कि कोरोना और मंकीपॉक्स जैसे वायरस आए और वह इंसानों के लिए खतरा साबित हो हुअ. कोरोना से तोअबतक दुनियाभर में करोड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. मंकीपॉक्स वायरस के केस भी लगातार सामने आ रहे हैं. अब कोविड परिवार का ही खोस्ता वायरस भी डरा रहा है. वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि खोस्ता -2 वायरस मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और सीरम दोनों की प्रतिरोधक क्षमता पर हमला करता है. साथ ही इसपर वैक्सीन की इम्यूनिटी भी प्रभावी नहीं है. खोस्ता -2 वायरस के सार्स- कोव-2 की तरह ही इंसानों में प्रवेश करने की आशंका है. इसका ट्रांममिशन भी उसी प्रकार से हो सकता है जैसा कोविड का हुआ था. शुरुआती दौर के बाद इस वायरस के एक जुनोटिक बीमारी बनने का भी खतरा है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में कोविड और मंकीपॉक्स के अलावा भी कई नए वायरस की खोज हुई है, लेकिन इनमें से कोई भी इंसानों को संक्रमित करने वाला नहीं था. खोस्ता-1 के बारे में भी यही निष्कर्ष निकाला गया था, लेकिन खोस्ता-2 में इंसानों को संक्रमित करने की क्षमता है. कोविड की तरह ये भी रेस्पिटेटरी ट्रैक के जरिए फैल सकता है. ये वायरस चमगादड़ , रैकून जैसे जंगली जानवरों से फैलता है. कोविड के बारे में भी यह कहा जाता है कि ये वायरस भी चमगादड़ों से इंसानों में फैला था. हालांकि इसकी कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं हुई है. लेकिन अगर खोस्ता-2 का संक्रमण इंसानों में शुरू हो गया तो दुनिया में एक नई महामारी दस्तक दे सकती है. ये वायरस दुनियाभर में चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम के लिए भी खतरा साबित हो सकता है।
खोस्ता-2 वायरस के बारे में महामारी विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार बताते हैं कि दो साल पहले रूस में ही खोस्ता-1 वायरस मिला था. तब वैज्ञानिकों ने इसके इंसानों में फैलने की आशंका को खारिज कर दिया था. लेकिन हाल में हुई रिसर्च में कहा गया है कि इसका नया वायरस खोस्ता-2 इंसानों में फाल सकता है. चूंकि ये वायरस चमदागड़ों में मिला हैं ऐसे में इंसानों में भी इसके ट्रांसमिशन का रिस्क है. क्योंकि इंसानों की तरह चमगादड़ भी Mammal प्रजाति के हैं. हालांकि अभी तक इस वायरस के बारे कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता है. फिलहाल इस बात पर भी कोई चर्चा की जरूरत नहीं है खोस्ता-2 पर वैक्सीन असर करेगी या नहीं. अभी आने वाले दिनों में देखना होगा कि ये वायरस कैसे व्यवहार करता है, लेकिन ये जरूरी है कि इसके प्रसार को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. कवलजीत सिंह का कहना है कि इस वायरस के बारे में अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी है. डॉ. सिंह कहते हैं कि कोविड के बाद बीमारियों को लेकर सर्विलांस काफी बढ़ गया है. इसी वजह से किसी भी नए वायरस की खोज अब आसानी से हो रही है, लेकिन ये जरूरी नहीं है कि सभी वायरस इंसानों में फैले. ऐसे में अभी इस वायरस पर काफी रिसर्च करने की जरूरत है।