रुद्रपुर। ऊधमसिंह नगर पुलिस को इवनिंग स्ट्रोम अभियान के तहत बड़ी सफलता हाथ लगी है। चौकिंग के दौरान जिला पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाकर लोगों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिसमें गिरोह के दो सदस्य पुलिस के हाथ लगे हैं। साथ ही कुल 7177 ब्लैंक मार्कशीट, डिग्री, माइग्रेशन शीट व 3 लैपटॉप, 3 प्रिंटर, 4 स्मार्ट फोन, 1 वाई फाई राउटर व 17 मोहर बरामद की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त गिरोह बीते एक वर्ष से यहां कार्य कर रहा है। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने कार्यवाही करने वाली टीम को दस हजार रुपये ईनाम देने की घोषणा की है, साथ ही गिरोह के सभी सदस्यों पर गैंगस्टर लगाने की बात भी की है।
बता दें जिले के कप्तान अपराध नियंत्रण को लेकर सख्त रुख अपनायें हुए हैं। जिसके तहत जिलेभर में इवनिंग स्ट्रोन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत गत दिवस एसपी सिटी, सीओ सिटी, सीओ पंतनगर व सीओ ऑपरेशन व भारी पुलिस बल के साथ सत्यापन अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान पुलिस टीम द्वारा मेट्रोपोलिस सिटी के एक में चौकिंग की तो में दो व्यक्ति गौरव चंद पुत्र जनक बहादुर चन्द निवासी चुनाभट्टा थाना बनबसा चंपावत उम्र 19 वर्ष व अजय कुमार पुत्र धर्मेन्द्र कुमार निवासी राजीव नगर थाना डोईवाला जिला देहरादून उम्र 25 वर्ष कूटरचित फर्जी मार्कशीट, डिग्री, माईग्रेशन सर्टिफिकेट व फूटकरण के उपकरण के साथ हिरासत में लिए गए। पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए दोनों लड़के आवास विकास स्थित कीरत ट्रेडिंग कंपनी के मालिक नवदीप सिंह भाटिया उर्फ पवन व उसके साथियो के साथ मिलकर विलियम कैरी यूनिवर्सिटी मेघालय की फर्जी मार्कशीट, डिग्री, माईग्रेशन, प्रोविजनल, ट्रांसक्रिप्ट सर्टिफिकेट आदि तैयार करते हैं। इन लोगो द्वारा संगठित रुप से अपराध किया जाता है तथा इनका नेटवर्क पूरे देश के अलग अलग राज्यों के विश्वविद्यालयों में भी फैला है। उत्तराखंड में नवदीप भाटिया उक्त गैंग का मुख्य सरगना है। अब तक उक्त गैंग में नवदीप भाटिया के साथ बनबसा के निवेश बंद व विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के विजय अग्रवाल व जितेन्द्र उर्फ सुखपाल शर्मा आदि लोगों का भी संलिप्त होना पता चला है। उक्त गैंग के लोग इस शर्त पर फर्जी मार्कशीट आदि बनाते है कि आवेदक केवल प्राईवेट जॉब में थर्ड पार्टी के रूप में ही उनकी फर्जी मार्कशीट व डिग्री आदि प्रयोग में लाएंगे। जहां पर दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होता हो। सरकारी जॉब व जहाँ पर दस्तावेजो की जाँच होती हो ऐसी बड़ी बड़ी कंपनियों में जॉब हेतु ये लोग अपनी फर्जी मार्कशीट व डिग्री आदि नहीं लगाने के लिए युवक युवतियों को पहले ही बता देते थे। जो युवक युवतियां इनकी फर्जी डिग्री के माध्यम से विदेश जाते हैं उनसे ये लोग काफी मोटी रकम वसूलते हैं तथा ऐसे लोगों की जानकारी इनके द्वारा विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के उच्च अधिकारियों को पहले से ही दे दी जाती है ताकि जब फर्जी दस्तावेजों की जाँच हो तो यूनिवर्सिटी के उच्चाधिकारी उक्त फर्जी डिग्री को सही के रूप में वेरिफाई कर दें। गैंग का सरगना नवदीप भाटिया इस काम के लिए सभी सदस्यों को अच्छा खासा हिस्सा देता हैं, पकड़े गए दोनो लडको का मेट्रोपोलिस फ्लैट में रहना, खाना-पीना, बिजली बिल आदि सब कुछ फ्री था। ये लोग बीए, बीकॉम, बीएससी आदि स्नातक व परास्नातक की फर्जी मार्कशीट व डिग्रियां फर्जी वेबसाइट उल-वदसपदममकन.पद का उपयोग कर बनाते हैं तथा प्रत्येक डिग्री के लिए 15 से 20 हजार रुपये लेते है तथा विदेश जाने वाले लोगो से लाखों रुपये वसूलते हैं। अभियुक्तगण से बरामद हुए मोबाईल फोन व लैपटाप से काफी महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं, जिसके सम्बंध में भी जांच की जा रही है। अभियुक्तगणों के विरुद्ध सुसंगत धाराओ के अन्तर्गत थाना पंतनगर मुकदमा पंजीकृत किया गया है। जिन्हें न्यायायल के समक्ष पेश किया जाएगा।
गिरोह के पास से कुल 7177 ब्लैंक मार्कशीट, डिग्री, माइग्रेशन शीट व 3 लैपटॉप, 3 प्रिंटर, 4 स्मार्ट फोन, 1 वाई फाई राउटर व 17 मोहर बरामद हुआ है। बरामद दस्तावेजों में विलियम कैरी यूनिवर्सिटी, सनराईज विश्वविद्यालय राजस्थान, वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची, सांई नाथ यूनिवर्सिटी रांची, वी.बी.एस. पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर की डिग्री व डिप्लोमा शामिल है। उक्त गिरोह का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसएसपी डॉं. मंजूनाथ टीसी ने 30 हजार रुपये का पुरुस्कार देने की घोषणा भी की है। साथ ही एसएसपी ने बताया कि उक्त गिरोह के लोगों व सरगना पर गैंगस्टर की कार्यवाही भी की जायेगी। बता दें यह गिरोह बीते 1 वर्ष से रुद्रपुर में रहकर कार्य कर रहा था।
कार्यवाही करने वाली टीम में एसपी सिटी मनोज कत्याल, सीओ पंतनगर तपेश चन्द, सीओ सिटी आशीष भारद्वाज, सीओ ऑपरेशन अनुषा बडोला, एसएचओ राजेन्द्र सिंह डांगी, पीआरओ नीरज चौधरी, एसओ दिनेशपुर अनिल उपाध्याय, एसआई भुवन चन्द्र जोशी, एसआई पंकज कुमार, एसआई देवेंद्र सामन्त, एसआई हेम सिंह हरडिया, कांस्टेबल पंकज पोखरियाल, कांस्टेबल राजेन्द्र, कांस्टेबल प्रकाश भट्ट, कांस्टेबल हेमराज समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल रहे।