तीसरी लहर का कारण बन सकती है वैक्सीनेशन को उमड़ी भीड़ 

भोंपूराम खबरी,रुद्रपुर। कोरोना महामारी के नियंत्रण को वैक्सीनेशन ही एकमात्र कारगर उपाय होने व सरकार द्वारा निशुल्क टीकाकरण के चलते वैक्सीनेशन सेंटरों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। यहाँ सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के नियम का पालन नहीं हो रहा है। दरअसल सरकारी नियम के अनुसार टीकाकरण के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग और साथ ही टीका लगवाने के इच्छुक लोगों की लापरवाही उधम सिंह नगर जनपद मुख्यालय में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकती है।

रुद्रपुर मेडिकल कालेज का पंजीकरण केंद्र कोरोना की तीसरी लहर को दावत देता दिख रहा है। जिसके जिम्मेदार पंजीकरण करने वाले लापरवाह कर्मचारी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी है। यहाँ आने वाले अधिकतर लोग ऐसे है जो जानकारी के अभाव में कतारों में खड़े है। सैकड़ों की भीड़ पंजीकरण स्थल पर उमड़ने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि न उनसे कोई बात करने को तैयार है और न ही कोई उन्हें सही निर्देश दे रहा है। सभी उम्र के लोगों के वैक्सीनेशन का पंजीकरण मेडिकल कालेज में होने के बाद यहाँ भीड़ का बढ़ना लाज़मी है था। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग को तरफ से किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यहां पंजीकरण और उससे जुडी समस्या को लेकर लोग कर्मचारियों के पास आ रहे है। लेकिन यहां मौजूद छह लोगों की टीम में से कोई भी स्वास्थ्य कर्मी किसी भी व्यक्ति की बात सुनने को राजी नहीं है।

वही स्थानीय निवासी अरविंद मिश्रा ने बताया कि उन्होन अगस्त को वैक्सीन लगावाई थी, जिसका फ़ोन पर मैसेज आया था। लेकिन नेट से प्रमाण पत्र डाउनलोड नहीं हो पा रहा। अपनी इसी समस्या के समाधान के लिए मेडिकल कालेज आया हूँ मगर यहां कोई बात सुनने को भी तैयार नहीं है।         

जब भोंपूराम खबरी की टीम ने कर्मचारियों से बात की तो शीशे के पीछे बैठे कर्मचारियों के जवाब देना भी मुनासिब नहीं समझा। लोगों की भीड़ को अनदेखा करते हुए यह स्वास्थ्यकर्मी या तो शीतल पेय पीते दिखे या फिर कंप्यूटर पर गेम्स खेलते रहे। इस पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेंद्र पंचपाल से बातचीत की गयी। लेकिन उन्होंने भी मामले का कोई संज्ञान नहीं लिया। अधिकारियों व कर्मचारियों के रवैये को देखकर लगता है कि उन्हें कोरोना की शासकीय गाइडलाइन की कोई परवाह नहीं है और वैज्ञानिकों की तमाम चेतावनियों के बाद भी वह कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को हलके में ले रहे हैं।                                                   

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