रुद्रपुर। शहर का एक फर्नीचर व्यवसायी उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी सिंचाई विभाग के सरकारी गूल (नाला) पर कब्ज़ा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। न्यायालय के आदेश के बाद तहसील कर्मचारियों ने उक्त जगह की पैमाईश भी कर ली है। मगर अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लायी गयी है। यह आरोप भाईचारा एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष केपी गंगवार ने लगाए। गंगवार ने कहा कि सोमवार को जिलाधिकारी रंजना राजगुरु से भेंटकर इस मामले में कार्रवाई की मांग की जाएगी अन्यथा मंच न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होगा।
“अमृत विचार” से वार्ता करते हुए गंगवार ने बताया कि कीरतपुर निवासी व मंच के सदस्य राणा प्रताप बहादुर ने काशीपुर मार्ग स्थित ग्राम कोलड़ा में सिंचाई विभाग के स्वामित्व वाले खसरा संख्या 253 व 255 से निकलने वाले दो नालों को कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से बंद कराने पर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके बाद साल 2016 में माननीय न्यायालय ने स्थानीय प्रशासन को यह नाले खाली करवाने के आदेश दिए थे। गंगवार ने बताया कि उक्त स्थान पर एक फर्नीचर व्यवसायी ने बहुमंजिला इमारत खड़ी कर ली है। कहा है कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी यह अवैध कब्जेदार नाले की जगह छोड़ने को तैयार नहीं है।
कुछ दिन पूर्व तहसील कर्मियों ने यहाँ पैमाइश की थी और एक खसरे पर स्थापित नाले की भूमि खाली भी कराई थी मगर फर्नीचर व्यवसायी अपने रसूख के कारण कार्रवाई से बचा हुआ है। उन्होंने कहा कि मंच के सभी पदाधिकारी सोमवार को डीएम रंजना राजगुरु से मिलकर इस मामले में कार्रवाई की मांग करेंगे अन्यथा न्यायालय की शरण लेंगे।
वहीं इस मामले में फर्नीचर व्यवसायी का कहना था कि उनकी जमीन जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम के तहत धारा 143 के अंतर्गत रजिस्टर्ड है और उन्होंने कोई भी कार्य न्याय के विपरीत नहीं किया है।