देहरादून। प्रदेश के उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग से निकाले गए 41 श्रमिकों को चिनूक हेलीकाप्टर से बुधवार दोपहर एम्स लाया गया। यहां उनकी जांच की गई, जिसमें सभी स्वस्थ पाए गए। अब उनका विस्तृत मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। कुछ सैंपल लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट गुरुवार तक प्राप्त होगी।
श्रमिकों को मनोचिकित्सक और मेडिसिन विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया है। इससे पहले इन सभी को उत्तरकाशी स्थित चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टरों की निगरानी में रखा गया था। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने बताया कि सभी श्रमिक स्वस्थ हैं। फिलहाल उन्हें आराम और संतुलित डाइट की जरूरत है, लिहाजा उन्हें अधिक मात्रा में पानी व जूस लेने की सलाह दी गई है।
बताया कि श्रमिकों के स्वास्थ्य की सघन जांच चल रही है। मनोचिकित्सकों की टीम उनके मानसिक स्वास्थ्य की भी जांच कर रही है और जरूरत पड़ने पर नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (एनआइएमएचएएनएस) बेंगलुरु से भी सहयोग लिया जाएगा। उधर, नगर विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने एम्स पहुंचकर श्रमिकों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
सिलक्यारा सुरंग में जीवन के लिए संघर्ष करने वाले 41 मजदूरों को कथावाचक मोरारी बापू ने आर्थिक सहायता स्वरूप छह लाख 15 हजार रुपये दिए। बुधवार को कथावाचक ने मुख्यमंत्री कार्यालय से मजदूरों के बैंक खाता की संख्या प्राप्त की और प्रति मजदूर के खाते में रुपये जमा कराए। उन्होंने नसभी के धैर्य की सराहना की और आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी श्रमिकों को सकुशल सुरंग से निकालकर राज्य सरकार ने अपना वचन निभाया है। एम्स ऋषिकेश में परीक्षण के उपरांत उन्हें शीघ्र ही घर भेज दिया जाएगा।