अजब बिहार की गजब कहानी, पूरे का पूरा थाना फर्जी

भोंपूराम खबरी। अभी तक आपने फर्जीवाड़ा के बड़े-बड़े मामले देखे होंगे लेकिन बिहार में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां फर्जी थाना फर्जी सिपाही फर्जी अधिकारी बनकर कुछ लोग लोगों का केस के समझौता कर मोटी कमाई करते थे पुलिस पूरे मामले में छापामारी कर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है जहां से देसी तमंचा पुलिस की वर्दी भी बरामद किया है।

बिहार के बांका शहर में योजनाओं के जांच के नाम पर पैसे की वसूली व पुलिस विभाग में नौकरी लगानेवाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस क्रम में एक फर्जी डीएसपी के साथ छह को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सभी सदस्य शहर के एक होटल में रहकर कार्यालय संचालित कर रहे थे। गिरोह का मुख्य सरगना जिले के भोला यादव पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। गिरफ्तार लोगों में डीएसपी के रुप में भागलपुर जिले के बाथ थाना क्षेत्र के खानपुर निवासी आकाश कुमार, इसी क्षेत्र की फर्जी सिपाही जूली कुमारी, फुल्लीडुमर थाना के दुधघटिया निवासी फर्जी दरोगा अनिता देवी, मुंशी के रुप में लहोरिया के रमेश कुमार, वकील मांझी एवं बौंसी के श्याम बाजार निवासी सुनील हरि को गिरफ्तार किया गया है। जो सभी लोग फर्जी थाने में काम कर रहे थे और इनको रोजाना ₹500 मेहनत के तौर पर मिलता था।

जानकारी के अनुसार एसडीपीओ डीसी श्रीवास्तव एवं बांका थानाध्यक्ष शंभू यादव बुधवार की सुबह सादे लिबास में ढ़ाकामोड़ की तरफ से छापेमारी कर लौट रहे थे। इसी क्रम में महिला को पिस्टल लटकाते देख उसने पूछताछ की। एसडीपीओ ने कहा कि बांका में किसी भी महिला सिपाही के पास पिस्टल नहीं है। जब वर्दीधारी महिला से पूछताछ की गई तो बताया कि वे काली पोखर स्थित बन रहे निर्माण कार्य को देखने गई थी। फर्जी होने पर होटल में छापेमारी कर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। एक बक्से में दर्जनों रजिस्टर , पुलिस वर्दी, यूको बैंक का चेक बुक सहित अन्य सामान मिला है। पूछताछ में अनिता ने कहा कि वह बांका जिले के फुल्लीडुमर के दुधघटिया की रहने वाली है. उसे फुल्लीडुमर के ही भोला यादव ने फर्जी दारोगा बनाकर बांका के कार्यालय में तैनात किया था.

कार्यालय के संचालन से लेकर सभी कर्मी की बहाली, पुलिस वर्दी, अवैध पिस्टल उपलब्ध कराने में फुल्लीडुमर के भोला यादव का नाम मुख्य सरगना के रूप में सामने आ रहा है।

फर्जी थाने से कुछ कागजात, बिहार पुलिस की वर्दी, बैज सहित अन्य सामान जब्त किए गए हैं. एसपी की मानें तो यह गिरोह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को पुलिस की नौकरी का झांसा देकर पैसा ठगता है. पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू करते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।

पिछले आठ माह से फर्जी थाना चल रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी. बांका के एक गेस्ट हाउस में तथाकथित थाना बनाया गया था. जालसाजी के माध्यम से गरीब लोगों से पैसा ऐंठने का काम किया जाता था. यहां कॉन्स्टेबल से लेकर दारोगा तक की ड्यूटी थी. कोई भी देखकर पहली नजर में धोखा खा जाएगा। फिलहाल पुलिस पूरे मामले में आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा कि मुख्य सरगना अभी भी फरार चल रहा है।

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