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रुद्रपुर। कृषि कानूनों के खिलाफ 57 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर पर केंद्र के खिलाफ आन्दोलन कर रहे तराई के किसान अब पर्ययावरण की पहल में जुट गए है दिल्ली की सीमा पर आंदोलित हजारों किसानों के लिए प्रतिदिन चल रही लंगर सेवा में अब थर्माकोल की प्लेटों के स्थान पर पत्तों से बनी थालियाँ (पत्तल) प्रयोग किये जायेंगे।
किसान आन्दोलन कमेटी गाजीपुर के प्रवक्ता सरदार जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि तराई के किसानों पर्यावरण संरक्षण और इसका ह्रास न किये जाने के लिए गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण से ही किसान खेती कर सकता है और प्रकृति को अपनी माँ मानने वाले किसानों ने यह तय किया है कि आन्दोलन स्थल पर प्लास्टिक, थर्माकोल आदि सभी पर्यावरण को नुक्सान पहुंचाने वाली वस्तुओं का प्रयोग बंद किया जायेगा। बाजवा ने कहा कि पत्तल गाजीपुर क्षेत्र की ही लघु इकाईयों से खरीदा जायेगा। लाखों की संख्या में पत्तल खरीद होने से यहाँ के कमजोर तबके को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।
आन्दोलन स्थल पर पहले दिन से जमे तराई किसान सभा के अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क ने बताया कि किसानों ने 26 जनवरी की परेड में दिल्ली कूच को पूरी तैयारी कर ली है। किसानों ने इस रैली की सफलता के लिए संकल्प लिया है। कमेटी के जत्थेबंदियों के निर्देशानुसार किसान अपनी ट्रैक्टर परेड निकालते हुए दिल्ली जायेंगे।