कृष्ण अस्पताल के एमडी ने हंगामा करने वाले लोगों पर कार्रवाई को सौंपी तहरीर

भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। कृष्ण अस्पताल व क्रिटिकल केयर सेंटर में कल रात हुए हंगामे के बाद अब अस्पताल के एमडी डॉ गौरव अग्रवाल ने भी पुलिस को तहरीर सौंप दी है। जिसमें उन्होंने मरने वाली बच्ची के परिजन पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि उनके अस्पताल से बच्ची को गंभीर हालत में भेजा गया था ना कि मृत अवस्था में और बरेली के मशहूर बाल चिकित्सक रवि खन्ना के अस्पताल में जाने के बाद बच्ची का देहांत हुआ। ऐसे में उन पर आरोप लगाया जाना न्याय संगत नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह सारा काम उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए एक विशेष समूह के लोगों द्वारा किया जा रहा है अपनी तहरीर में उन्होंने कहा है

कि मेरे हास्पिटल में डॉक्टर पारस अग्रवाल कार्यरत हैं। दिनांक 4 अगस्त 22 की रात्रि में एक पेशेंट B/O Renu हमारे हॉस्पिटल में भर्ती हुई जिसकी उम्र दो दिन और जो की किसी अन्य हॉस्पिटल से ट्रांसफर हुई थी। डॉक्टर ने Bith Asphyxia Syndrom with Respirotry distress with HIE garde | diagnose किया। जिसकी वजह से उसको कृत्रिम साँस के machine पर लिया। बच्चे के कंडीशन के बारे में उसके उसके साथ वाले को भली भाँति समझ आया दिया गया था और हाई रिस्क कंसल्ट पर उसके पिताजी Sadab ने सिग्नेचर किया। बच्चा पाँच दिन तक मशीन पर रहा जिसमें डॉक्टर ने बच्चे के पिता को दिन प्रतिदिन 2-3 बार बच्चे की हालत के बारे में बताया और दिन में एक बार अपने साथ उसको ले जाकर बच्चे को दिखाया जिसका वीडियो हमारे हास्पिटल में उपलब्ध है। पाँच दिन के उपरांत मशीन को हटाने की कोशिश की गई जो कि बच्चे ने 48 घंटे तक Oxygen के सपोर्ट पर ठीक रहा बच्चे को माँ का दूध दिन में तीन बार पिलाया गया अचानक 10/08 की तारीख़ की रात लगभग 12 बजे बच्चे को फिर से दौरा आ गया और बच्चे को सी पैप पर ले लिया गया बच्चे के पिता को भलीभाँति समझाया गया और बच्चे की हालत के बारे में अचानक रूप से ख़राब हो जाने के बारे में बताया गया, और ये भी बताया गया कि बच्चे को कभी भी वेंटिलेटर पर लिया जा सकता है और यह भी बताया गया। अगर आप कहीं और हायर सेंटर में ले जाना चाहते हैं तो आपके बच्चे को ले जा सकते हैं लेकिन उस बच्चे के पिता ने न ले जाने का निर्णय लिया और यहीं पर इलाज कराने का दबाव बनाया। जिसके उपरांत उन्होने वेंटिलेटर कांस्टेंट पर सिग्नेचर करने को भी मना कर दिया और फ़ोन करके पाँच सात लोगों को हॉस्पिटल में बुला लिया जिसका मेरे हॉस्पिटल में साक्ष्य उपलब्ध है।, महोदय मानवता को देखते हुए हमने बच्चे की ट्रीटमेंट सुचारु रूप से चालू रखी, हालत गंभीर होने के कारण 11 तारीख़ को सुबह छह बजे बच्चे को वेंटीलेटर पर ले लिया 11/08 की शाम सात बजे बच्चे के पिता को पुनः हायर सेंटर रेफ़र की सलाह दी गई जिस पर उन्होंने अपने साथ वालों का हवाला देते हुए यहीं पर इलाज कराने का फिर से दबाव डाला। 11/08 तारीख़ की रात में बच्चे को फिर से दौरा आ गया जिससे उसकी हालत और नाजुक हो गई। जिसके उपरांत फिर से उनसे बोला गया तो वे 12 बजे से सुबह में बच्चे को हायर सेंटर ले जाने के लिए तैयार हो गए महोदय मानवता को देखते हुए हॉस्पिटल ने अपने ख़र्च पर बरेली से वेंटिलेटर के एम्बुलेंस मंगवायी और बच्चे को सकुशल डॉक्टर रवि खन्ना के यहाँ भर्ती करवाया। जिसका साक्ष्य हमारे हास्पिटल के CCTV में क़ैद है। दिनांक 12 अगस्त को रात में साढ़े नौ बजे बच्चे के पिता ने डॉक्टर को फ़ोन कर सूचित किया और दुर्व्यवहार करते हुए बताया कि मेरी बच्ची नहीं रही और भला बुरा कहा, अब तक हमारे यहाँ कार्यरत नाइट MOD को बच्चे के पिता ने फ़ोन कर डॉक्टर के बारे में उल्टा सीधा कहा और गाली दिया और हास्पिटल को जलाने की धमकी दी। महोदय बच्चे के पिता ने पहले दिन से ही अपने पत्रकारिता का हवाला देते हुए दिन प्रतिदिन हास्पिटल के ख़र्चे में अवरोध पैदा कर हास्पिटल का बिल न देना मेडिसिन का बिल न देना सुचारू रूप से करता रहा हैं मानवता के कारण बच्ची के ट्रीटमेंट में कहीं भी लापरवाही न बरतते हुए हॉस्पिटल ने उसकी दवा सुचारु रूप से चालू रखा। मानवता को देखते हुए हास्पिटल ने बच्ची के एम्बुलेंस का ख़र्चा भी हॉस्पिटल ने दिया। महोदय आपसे सविनय निवेदन है कि अगर वो कोई भी दुर्व्यवहार और असामजिक कार्य कर्ता है तो उसके ऊपर आवश्यक वैधानिक कार्रवाई करने की कृपा करे।

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