गुनाहगर जेल में लालकुआ पुलिस ने आधीरात में किया कारनामा

भोंपूराम खबरी,दिनेशपुर। लालकुंआ पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में थाना क्षेत्र के एक गांव में दबिश दी और आरोपी बेटे की जगह उसके 76 वर्षीय पिता को उठा कर थाने ले गई। मजेदार बात यह है कि जिस आरोपी की पुलिस को तलाश है, वह जेल में बंद है। इस दौरान ग्रामीणों और पुलिस टीम के साथ नोंकझोक भी हुई। हालांकि भीड़ बढ़ती देख थाना के एसआई नवीन जोशी ने भीड़ को समझा बुझा कर शांत किया।

चितरंजनपुर नंबर दो में लालकुंआ पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में देर रात लगभग 12:30 बजे दबिश दी। पुलिस स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड 76 वर्षीय बुजुर्ग सुनील बैरागी को उठा कर थाने ले गई। इसके चलते गाँव में खलबली मच गई। बता दें कि रमेश बैरागी पुत्र सुनील बैरागी विभिन्न धोखाधड़ी के मामले में वांछित है, लेकिन वह किसी दूसरे मामले में इस समय जेल में बंद है। जिसकी सूचना लालकुंआ पुलिस के पास नहीं हैं। वही रमेश वैरागी अन्य मामले में जेल में बंद है, परंतु इस तथ्य अनदेखी करते हुये व मानवाधिकाराें की अवहेलना कर लालकुआ पुलिस ने आराेपी के 76 वर्षीय बुजुर्ग पिता काे रात के 12:30 बजे घर से उठाकर दिनेशपुर थाने ले आयी। इस दौरान ग्रामीण दिनेशपुर थाने पहुँचे। वहां लालकुंआ से आये एसआई मनोज कुमार और उनकी टीम के साथ नोंक झोंक हुई। ग्रामीणों का कहना था कि धोखाधड़ी में बेटे के स्थान पर पुलिस 76 वर्ष के पिता सुनील को नहीं उठा सकती। हालांकि भीड़ देखता दिनेशपुर थाने के एसआई नवीन जोशी ने ग्रामीणों को समझा बुझा कर भीड़ को शांत किया। विरोध के मद्देनजर सुनील को छोड़ दिया गया। बहरहाल, पुलिस की इस ज्यादती को लेकर लोगों में आक्रोश है और पुलिस की कार्यशैली भी सवालों के दायरे में है। सबल यह भी है कि क्या लेनदेन के धोकाधड़ी के छोटे मामले में बेटे के सजा 76 बर्ष के बुजुर्ग को मिल सकता हैं, क्या ?

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