भोंपूराम खबरी,मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन बन स्थित बांके बिहारी मंदिर में जन्माष्टमी आयोजन के दौरान उमड़ी भीड़ में दबकर 2 लोगों की मौत गई। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि 50 से ज्यादा लोग बेहोश होकर गिर पड़े। मंदिर के सेवादारों का आरोप है। कि अधिकारियों ने वीआईपी के नाम पर अपना रुतबा दिखाया और परिजनों को विशेष सुविधाएं दीं। ये हादसा तब हुआ जब मंदिर में मंगला आरती चल रही थी और लोगों की भारी भीड़ थी। एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि भीड़ बढ़ने के कारण यह हादसा हुआ है। उन्होंने मृतकों की पहचान नोएडा निवासी निर्मला देवी और जबलपुर मूल के वृंदावन निवासी राजकुमार के रूप में हुई है। मंदिर के सेवादारों का दावा है कि अधिकारियों ने वीआईपी के नाम पर अपना रुतबा दिखाया और परिजनों को विशेष सुविधाएं दीं। पुलिस के एक बड़े अधिकारी अपनी मां को लाए थे। मथुरा रिफाइनरी के एक बड़े पुलिस अधिकारी 7 परिजनों के साथ मंगला आरती में मौजूद थे। अधिकारियों के परिजन छत पर बनी बालकनी से दर्शन कर रहे थे। अधिकारियों ने अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ऊपरी मंजिल के गेट बंद करा दिए। इससे लोगों को बचाने में दिक्कत हुई। लोगों के मुताबिक डीएम, एसएसपी, एसपी, जिला न्यायपालिका के अधिकारी परिवार सहित वीआईपी दर्शन में व्यस्त रहे। रात दो बजे मंगला आरती शुरू होने से पहले ही भीड़ का दबाव बढ़ने लगा और लोग बेहोश होने लगे। झबकी पुलिस-प्रशासन ने पहले परिवारों को सुरक्षित निकलवाया। मथुरा के एसएसपी के मुताबिक, बांके बिहारी में मंगला आरती के दौरान मंदिर के निकास द्वार पर एक भक्त बेहोश हो गया, जिससे भक्तों की आवाजाही प्रतिबंधित हो गई। भीड़ ज्यादा थी इसलिए परिसर के अंदर सफोकेशन की वजह से कई लोगों का दम घुट गया और दो लोगों की जान चली गई। लोग आरोप लगा रहे हैं कि इस साल अति आत्म विश्वास से भरे प्रशासन ने मंदिर समिति के साथ जन्माष्टमी व्यवस्था पर कोई मीटिंग नहीं की। प्रशासन ने मंगला आरती के अवसर पर जुटने वाली भीड़ और उस मुताबिक एहतियाती इंतजाम को हल्के में लिया।