भोंपूराम खबरी। काशीपुर में चैत्र मास में लगने वाले उत्तर भारत के प्रसिद्ध मेलों में शुमार चैती मेले में आज तड़के मां बाल सुंदरी का डोला गाजे और धूम धड़ाके तथा ढोल नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए श्रद्धालुओं के साथ पुलिस की कड़ी सुरक्षा में नगर मंदिर से चलकर शहर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ 5 किलोमीटर दूर चैती मंदिर पहुंचा। जिसके बाद मां.बाल सुंदरी अपने मठ में विराजमान हो गईं। आपको बता दें कि विगत 2 वर्षों से कोरोना संकट के चलते केवल परंपराओं का निर्वहन करते हुए मां का डोला मंदिर भवन पहुंचा था तथा वापस नगर में पहुंचा था। इस बार कोरोना संक्रमण थमने के कारण मां का डोला पूर्व की वर्षों की भांति धूमधाम के साथ निकाला गया। मां बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा को लेकर गाजे बाजे एवं ढोल नगाडों के साथ मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री मां के नगर मंदिर मौहल्ला पक्काकोट से हजारों भक्तों के रैले के साथ पालकी में लेकर चैती मेला भवन पहुॅचे। मां बाल सुंदरी की स्वर्ण प्रतिमा मां के भवन में पहुंचते ही भक्तों की भीड़ प्रसाद चढ़ाने के लिए उमड़ पडी। बता दें कि मां बाल सुंदरी पांच दिन यहां रहने के बाद वापस धूम-धडाके के साथ वापस नगर मंदिर पहुंचेंगी।
मुख्य पंडा विकास अग्निहोत्री के मुताबिक चैत्र मास की अष्टमी पूजन मध्यरात्रि में 12 बजे से शुरू हुआ। इसके बाद माँ का डोला 3 बजकर 5 मिनट पर नगर मंदिर से चलकर 4ः30 बजे मंदिर भवन में पहुंचा। इससे पहले बीती देर शाम 12 बजे तक माँ की प्रतिमा भक्तों के दर्शन के लिए रखी गयी। 2ः30 बजे तक मोहल्ला पक्काकोट में दूरदराज से आये श्रद्धालुओं ने मां के दर्शन किये। सुबह 3 बजकर 5 मिनट पर मां का डोला लेकर हजारों की संख्या में श्रद्धालु नगर मंदिर पंडा आवास से चैती मन्दिर के लिए रवाना हुए। इस दौरान भक्त माँ की भक्ति में पूर्णतः सराबोर दिखे। इस दौरान मां के दर्शन करने को श्रद्धालु लालायित दिखे।
उनके अनुसार बीते दो वर्षों से कोरोना संकट के चलते वह माँ के दर्शन नहीं कर पाए थे। इस बार दर्शन करने से वह बहुत खुशी महसूस कर रहे हैं। चैती मंदिर से 14-15 अप्रैल को त्रयोदशी और चतुर्दशी की मध्यरात्रि को विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद मां बाल सुंदरी नगर मंदिर में वापस लौट आयेंगी। आज अष्टमी के दिन दूर-दराज से आकर श्रद्धालु प्रसाद चढ़ाएंगे। सुरक्षा की दृष्टि से डोला यात्रा में काफी मात्रा में पुलिस बल तैनात था। मां का डोला मौहल्ला पक्का कोट स्थित नगर मंदिर से शुरू होकर मां मंसा देवी रोड, मुख्य बाजार, नगर निगम रोड, महाराणा प्रताप चौक और द्रोणा सागर के पीछे टीले वाली सड़क से होते हुए चैती मंदिर पहुंचा।