भोंपूराम खबरी,किच्छा :- ग्राम राघवनगर की प्राचीनतम रामलीला मंचन का शुभारम्भ पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने फीता काटकर एवं प्रभु श्री रामचन्द्रजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया।
अपने संबोधन में पूर्व विधायक राजेश शुक्ला नें कहा रामलीला मंचन एवं दशहरा या विजयादशमी भारत में सबसे शुभ और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, बड़े उत्साह के साथ य़ह त्योहार पूरे भारत में अलग-अलग रूपों से मनाया जाता है। अलग-अलग नामों से जाने जाने के बावजूद इसका सार एक ही है- बुराई पर अच्छाई की जीत! प्रभु श्री राम जी की लीला हमारे भीतर नकारात्मकता और बुराई का अंत और सकारात्मकता का प्रतीक है। प्रभु श्री राम लीला का मंचन हजारो वर्षो से किया जा रहा हैं लेकिन पहले यह वाल्मीकि जी द्वारा रचित रामायण पर आधारित होती थी। सोलहवी शताब्दी में जब से तुलसीदास जी ने अवधि भाषा में रामचरितमानस की रचना की तब से इसका मंचन पहले से और ज्यादा भव्य तरीके से होने लगा ! ग्राम राघवनगर में पिछले 53 वर्षो से आज तक इसका मंचन निरंतर रूप से होता आ रहा हैं जिसमे सभी लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं व श्रीराम के जीवन मूल्यों व आदर्शों को सीखते हैं! रामलीला के प्रथम दिन नारद मोह की सुन्दर लीला का मंचन हुआ। कार्यक्रम में रामलीला कमेटी के अध्यक्ष उदय भान सिंह, विशिष्ट अतिथि महेंद्र बाल्मीकि, पूर्व पूर्व मंडल अध्यक्ष डीएन यादव, आत्मा परियोजना अध्यक्ष रवि कांत वर्मा, ग्राम प्रधान दीपक मिश्रा, मंडल महामंत्री भाजपा मयंक तिवारी, पूर्व जिला महामंत्री किसान मोर्चा नारायण पाठक, अंकित पाठक, ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव, संजय कुशवाहा, आनंद कुमार, धर्मेंद्र कुशवाहा, अखिलेश यादव, रघुवंश कुशवाहा, रामपाल यादव, योगेंद्र मणि त्रिपाठी, सचिंद्र मणि त्रिपाठी समेत समस्त ग्रामवासी मौजूद थे!