रुद्रपुर। उत्तर भारत के प्रमुख पंजाबी पर्व लोहड़ी के अवसर पर तराई के किसान सड़कों पर उतर आये। केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि क़ानूनों की प्रतियाँ लोहड़ी की अग्नि में दहन कर अपने रोष का इजहार किया। आलम यह था कि सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनरत किसानों को मातृशक्ति और बच्चों का भी भरपूर साथ मिला। इससे पूर्व सभा भी की गयी और मार्च भी निकाला गया जिसमे केंद्र सरकार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया गया।
उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय रुद्रपुर पर लोहड़ी का पर्व ऐतिहासिक बन गया। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आहूत देशव्यापी विरोध आह्वान के चलते गल्ला मंडी में दोपहर से सैकड़ों किसान जुटने शुरू हो गये। यहाँ महिलाएं व बच्चे भी भारी संख्या में पहुंचे। किसानों ने यहाँ सभा आयोजित की और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर भडास निकाली। तराई किसान सभा के अध्यक्ष तेजेंदर सिंह विर्क ने कहा कि बीते 49 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर लाखों किसान भीषण ठंड में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पचास से ऊपर किसान स्वास्थ्य कारणों से शहीद हो चुके हैं मगर सरकार को देश के किसान की चिंता नहीं है। देश के चुनिंदा उद्योगपतियों को मदद करने के लिए कृषि क्षेत्र को गिरवी रखने के प्रयास किये जा रहे हैं। किसान सुरमुख सिंह विर्क ने कहा कि लोहड़ी के पर्व पर पंजाबी समुदाय अग्नि में आहुति देता है। उसी तर्ज पर कृषि कानूनों की आहुति देते हुए यह संकल्प लिया गया है कि इन कानूनों को किसी भी दशा में स्वीकार नहीं किया जायेगा।