दूध-छाछ खरीदना हो सकता है महंगा, GST परिषद ने माने सुझाव

भोंपू राम खबरी। जीएसटी परिषद की दो दिवसीय बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों और फिटमेंट कमिटी के पैनल के कुछ सुझावों को मान लिया है. यह सुझाव लागू होने के बाद स्थानीय दुग्ध और कृषि उत्पाद महंगे हो जाएंगे. इस पैनल ने अनब्रांडेड यानी स्थानीय डेयरी और एग्री उत्पादों को 5 फीसदी के जीएसटी रेट स्लैब में डालने का सुझाव दिया है। जीएसटी काउंसिल या वस्तु व सेवा कर परिषद की दो दिवसीय बैठक में राज्यों के वित्त मंत्रियों और फिटमेंट कमिटी के पैनल के कुछ सुझावों को मान लिया है. यह सुझाव लागू होने के बाद स्थानीय दुग्ध और कृषि उत्पाद महंगे हो जाएंगे. इस पैनल ने अनब्रांडेड यानी स्थानीय डेयरी और एग्री उत्पादों को 5 फीसदी के जीएसटी रेट स्लैब में डालने का सुझाव दिया है. इसके अलावा पैनल ने होटल और हॉस्पिटल रूम में स्टे को लेकर भी इसे 12 फीसदी स्लैब में डालने की सिफारिश की है।अगर वित्त मंत्रालय जीएसटी काउसिंल के फैसलों को मंजूरी देते हुए अधिसूचना जारी कर देता है, तो एग्री और डेयरी प्रॉडक्ट्स महंगे हो जाएंगे। स्थानीय स्तर पर बनाए जाने और वितरण किए जाने वाले दुग्ध और कृषि उत्पादों, जैसे- लस्सी, छाछ, पैकेट वाली दही, आटा और दूसरे अनाज, शहद, पापड़, मांस-मछली (फ्रोज़न प्रॉडक्ट अपवाद रहेगा), मुरमुरे और गुड़ महंगे हो जाएंगे. इनके व्यापारियों को 5 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया जा सकता है। जीएसटी समिति ने होटल रूम पर हर रात 1,000 रुपये के टैरिफ और अस्पतालों में एक रात के कमरे के लिए 5,000 के टैरिफ को 12 फीसदी रेट स्लैब के तहत लाने की सिफारिश की है। बुधवार को दिन में जीएसटी काउंसिल की दूसरे दिन बैठक हो रही है. इस मीटिंग में राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने और ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और हॉर्स रेसिंग के साथ-साथ प्लेयर की ओर से कॉन्टेस्ट में पहले से दी जाने वाली एंट्री फीस को 28 फीसदी रेट स्लैब में लाने के प्रस्ताव पर चर्चा होनी है।

आज शाम 4 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगी, जिसमें वो परिषद की सिफारिशों की घोषणा कर सकती हैं. इसके बाद देखना होगा कि काउंसिल क्या नए बदलाव लाने के सुझाव दे रहा है और सरकार किन सिफारिशों को लागू करती है.

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