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भोंपूराम खबरी, रुद्रपुर। अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकत्रियों ने दोबारा कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। जिसके तहत उन्होने जिला अस्पाता के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन किया तथा जमकर नारेबाजी की। इस दौरान आशा कार्यकत्रियों ने मुख्यमंत्री पर वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया। इस संबंध में उन्होने प्रधानमंत्री को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की है।
दरअसल अपनी मांगो को लेकर बीत 2 अगस्त से 31 अगस्त तक आशा कार्यकत्रियों ने कार्य बहिष्कार कर पूरे प्रदेश में जगह-जगह धरना प्रदर्शन किया था। जिसके बाद 31 अगस्त को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त को आशाओं के प्रतिनिधि मंडल से 20 दिन में बढ़े हुए मानदेय के संबंध में शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया था। लेकिन आज 24 सितम्बर तक शासनादेश जारी नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए जवाहर लाल नेहरू जिला चिकित्सालय के मुख्य गेट पर धरना प्रदर्शन किया। साथ ही प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड सरकार द्वारा शासनादेश जल्द करवायें जाने की मांग की है। वही मांगे पूरी नहीं होने पर आशा कार्यकत्रियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
आशा कार्यकत्रियों की मांग में मानदेय में वृद्धि की जाए, कोरोना काल में काम कर रही आशाओं को प्रतिमाह दस हजार रुपये का जोखिम भत्ता, सरकारी कर्मचारी की भांति सुविधा व मानदेय, स्वास्थ्य बीमा परिधि में लाया जाना और मृत्यु होने पर 50 लाख का बीमा और बीमार होने पर 10 लाख का बीमा, सुरक्षा उपकरण तथा फ्रंटलाइन वर्कर की भांति सम्मान व मानदेय इत्यादि शामिल है। इस दौरान ममता पन्नू, कुलविन्द कौर, प्रिया कश्यप, कमलेश, सपना शर्मा, हेमलता यादव, सुनीता सिंह, सुमन विश्वकर्मा, मीना सिंह, मधुबाला, अन्नू पाण्डेय, सीमा कौर, ममता जोशी, निर्मला, रविता, पुष्पा रानी, गायत्री भगत, संजीता, इन्द्रा रावत, अनीता सिंह, ममता शर्मा आदि