आखिर अलास्का बिल्डर पर क्यों मेहरबान है जिला विकास प्राधिकरण ?

भोंपूराम ख़बरी, रुद्रपुर। राजस्थान से आकर रुद्रपुर में अवैध कॉलोनी का काला कारोबार कर सरकार को राजस्व का चूना लगाकर खुद करोड़ों रुपए के वारे न्यारे करने वाले अवैध कॉलोनाइजर सतपाल यादव को जिला विकास प्राधिकरण ने भले ही नोटिस जारी कर दिया हो।लेकिन इस पूरे मामले में हैरत की बात यह है कि यह विदित होने के बावजूद कि यादव ने अपनी कालोनी में अवध निर्माण किया है. बावजूद इसके आखिरकार ऐसी कौन सी मज़बूरी थी कि प्राधिकरण के अधिकारियों ने उक्त बिल्डर सतपाल यादव को दस्तावेज प्रस्तुत करने और अपना पक्ष रखने के लिए पंद्रह दिन से भी अधिक का समय दे दिया है।                                                 

बता दें कि रुद्रपुर के ग्राम फुलसुंगा के जनपद रोड पर स्थित लगभग 10 एकड़ भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित कर दुकान और मकान का निर्माण करने वाले अलास्का बिल्डर के मालिक सतपाल यादव पर शिकंजा कसने के साथ ही विकास प्राधिकरण ने भूमि के मालिक विजय यादव के खिलाफ अंतिम नोटिस जारी किया था। इसके बाद सतपाल यादव ने एफिडेविट देकर विकास प्राधिकरण से संबंधित भूमि को खरीदने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय मांगा है। साथ ही सतपाल यादव ने शपथ पत्र में यह भी हलफनामा दिया है कि वह अब संबंधित कृषि भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण कार्य शुरू नहीं करेंगे और जिला विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने के उपरांत ही मौके पर किसी प्रकार का कोई निर्माण कार्य शुरू करेंगे।             

लेकिन वर्ष 2020 में सीज की गई अलास्का बिल्डर की अवैध कॉलोनी में हुए अवैध निर्माण को जिला विकास प्राधिकरण ने अभी तक ध्वस्त नहीं किया है। यदि सतपाल यादव कालोनी के कागजात तय समय पर दिखाने में सफल भी रहता है तो भी यह संदेह के घेरे में रहेगा कि प्राधिकरण ने जानते हुए भी बिना अनुमति किये गए उसके अवैध निर्माण को आखिरकार ध्वस्त क्यों नहीं किया? सवाल यह भी उठता है कि प्राधिकरण अवैध निर्माण करने और सरकार को राजस्व का चूना लगाने वाले बिल्डर पर आखिर क्यों मेहरबान है?

हम आपको बता दें कि सतपाल यादव एक अवैध कॉलोनाइजर है जिनका अभी रेरा में भी कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है पर बावजूद इसके सतपाल यादव रुद्रपुर, लालपुर, गदरपुर और किच्छा क्षेत्र में 1 दर्जन से अधिक अवैध कालोनियों काटकर राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाकर खुद करोड़ों रुपए के वारे न्यारे कर चुके हैं। बहरहाल अब देखना ये है कि इस पूरे मामले पर आगे विकास प्राधिकरण आरोपी अवैध कॉलोनाइजर के खिलाफ क्या सख्त कार्रवाई करता है

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