भोंपूराम खबरी,रूद्रपुर। ईएसआई पैनल में सूचीबद्ध रहने के लिये 50 लाख की रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है और जब सुविधा शुल्क नही दिया गया तो अस्पताल को ईएसआई पैनल से अस्थाई रूप से बाहर भी कर दिया गया। अस्पताल के एमडी द्वारा ईएसआई के अधिकारी पर यह आरोप लगाते हुये सनसनी फैला दी है। कुमाऊ के सबसे बड़े अस्पताल के एमडी डा0 दीपक छाबड़ा ने आरोप लगाते हुये कहा कि उनके किच्छा मार्ग स्थित द मेडिसिटी अस्पताल में विगत रविवार को ईएसआई अस्पताल के चिकित्सक पहुंचे और अस्पताल के स्टाफ ईएसआई का कार्य देख रहे फरमान से मिले। इस दौरान ईएसआई स्टाफ द्वारा आवश्यक जानकारी भी ली गई। डा. छाबड़ा ने बताया कि उनके स्टाफ से ईएसआई स्टाफ द्वारा ईएसआई अस्पताल के सीएमओ डा0 आकाश दीप के नाम पर 50 लाख रूपये के सुविधा शुल्क की भी मांग की गई। सुविधा शुल्क न देने पर अस्पताल को ईएसआई पैनल से बाहर का रास्ता दिखाये जाने की चेतावनी दी। डा0 छाबड़ा ने बताया कि फरमान द्वारा इसकी जानकारी उन्हे दी गई तो उन्होंने कोई भी सुविधा शुल्क देने के लिये मना कर दिया। डा.छाबड़ा बताया कि जब अस्पताल प्रबन्धन द्वारा रिश्वत देने से मना किया तो अस्पताल को ईएसआई पैनल से अस्थाई रूप से बाहर कर दिया गया। उनका कहना था कि ईएसआई अस्पताल से रेफर होकर आये सभी रोगियों को बेहतर उपचार दिया जाता रहा है इतना ही नही जिस रोगी को ब्लड की आवश्यकता होती है,उसे निःशुल्क ब्लड भी उपलब्ध कराया जाता है। डा0 छाबड़ा ने कहा कि उन्हे यह नही बताया गया कि अस्पताल में क्या कमिया है और किन कारणों से अस्पताल को पैनल से अस्थाई रूप से बाहर किया गया है। उन्हे ईएसआई अस्पताल से न तो कोई पत्र प्राप्त हुआ और न ही कमियों के सम्बंध में कोई स्पष्टीकरण मांगा गया। विदित हो कि गत दिवस ईएसआई द्वारा छह अस्पतालों को ईएसआई अस्पताल के पैनल से बाहर कर दिया गया था, उनमें एक मेडिसिटी अस्पताल भी शामिल है।