FastTag Scam Alert – झूठ या सच??

भोंपूराम खबरी। एक वीडियो देखा, उसमे 2 नवयुवक car में बैठे हैं, तभी एक लड़का उनकी car का windscreen साफ करने आता है… वो bonut पर चढ़ जाता है, फिर हाथ में पहनी हुई घड़ी दिखाता है.. इतने में एक लड़का शोर मचाने लगता है… पकड़ो पकड़ो.

वो बच्चे को नहीं पकड़ पाते… बाद में ड्राइव कर रहा युवक बताता है कि ये नया scam है, जिसमें एक gang छोटे बच्चो को High Tech घड़िया दे देता है.. फिर वो बच्चे आपकी car कि सफाई करने का बहाना मार कर आपके fasttag को अपनी घड़ी से scan कर लेते हैं.. और आपका wallet खाली हो जाता है.

Social media की मेहरबानी से ये वीडियो पूरी दुनिया में वायरल हो रहा है… लोग बिना जानकारी इसे फैला रहे हैं.. और बेवजह डर रहे हैं.

इसका एक ही शब्द में अगर सच जानना है… तो वो यह है की ये वीडियो ‘Fake’ बनाया हुआ है… ऐसा कोई FastTag scam नहीं होता.

अब आप पूछेंगे कि ऐसा कैसे???

पहले आप Technology को समझिये.

आपकी गाड़ी में एक FastTag लगा होता है… उसमे एक छोटी सी RFID Chip होती है, एक antenna होता है…. बहुत छोटा होता है… Tag की दोनों layers के बीच में होता है. इस chip में आपकी गाड़ी की जानकारी होती है… और Backend से आपका NHAI wallet, Paytm Wallet या आपकी Bank के account की जानकारी इसमें Coded होती है.

दूसरे छोर पर होता है NHAI…. जो आपसे Toll वसूलता है… हर टोलप्लाजा पर एक scanner होता है.. जो आपके गाड़ी के FastTag को स्कैन करके Payment वसूलता है. जाहिर है Payment NHAI के bank account में ही जायेगा…… इसका अर्थ है Background में NHAI का बैंक account Connect होता है… जो भी पैसा कटेगा वो सीधा NHAI के account में ही जायेगा… अड़ोस पड़ोस वाले किसी अंकल के account में नहीं जा सकता… क्यूंकि इसकी programming ही ऐसे हुई है.

FastTag से पैसा कैसे Deduct होता है??

आपकी car में जो FastTag RFID chip होती है.. वो एक Passive Chip होती है… मतलब उसमे कोई Power source या Battery नहीं connect होती…..जैसे ही आप अपनी car को Toll Plaza पर लगे हुए Scanner के एक ख़ास Radius में लाते हैं… वो scanner आपके RFID पर signal डालता है… और आपका RFID सारी जानकारी Scanner को Transmit कर देता है….. और जितने पैसे कटने होते हैं.. वो Signal आपकी बैंक account या wallet को चला जाता है.

आपके Wallet या Account से NHAI को payment कैसे जाता है??

Backend में NCPI का जबरदस्त इंफ्रास्ट्रक्चर काम करता है…. वही आपके account की जानकारी रखता है… और जैसे ही टोलप्लाजा का Scanner Fasttag को read करता है… अगर Tag सही है, Blacklist नहीं है.. उसमे Balance है.. तो वो NCPI को instruction दे देता है… कि ग्राहक के account से इतनी रकम काटो….

Background में NCPI का UPI या बैंकिंग payment system उतनी रकम आपके Wallet या Account से NHAI के account में transfer कर देता है.

और थोड़ी देर में आपको msg भी आता है… कि NHAI के इस Highway के Toll से आपके इतने रूपए कटे, और इतना balance बचा है.

अब आप सोचिये…. जब आपका RFID coded है, उसे टोलप्लाजा पर लगे scanner के अलावा कोई डिवाइस पढ़ नहीं सकती……. उधर Scanner पर NHAI का account नंबर ही Fixed हो रखा है….. मतलब जो भी पैसा जायेगा वो NHAI के account में ही जायेगा..

ऐसे में कोई बच्चा, पालिका बाजार मे 50 रूपए की 2 दर्जन मिलने वाली फर्जी घड़ी पहन कर.. आपकी गाड़ी के bonut पर Locking Popping करके scan करके आपके account से पैसा उड़ा लेगा?? मतलब आपके हिसाब से यह संभव है

और अगर यह इतना ही आसान है… तो कोई भी parking में खड़ी गाड़ियों से ना कर लेगा scan??? सुबह से शाम तक पालिका बाजार या खान मार्केट की parking में scan करो.. शाम तक करोड़पति बन जाओ…. बढ़िया स्कीम है भाई लोग

इसलिए कहा गया है… दिखावो पर मत जाओ.. अपनी अक्ल लगाओ….. वैसे वो वीडियो बनाने वाले पर सुना है FIR हो गयी है….

खबर को जनता के समझ में आने लायक बनाने के लिए कहीं कहीं technical details को आसान किया गया है.

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